लंदन: वॉशिंगटन में ब्रिटेन के राजदूत किम डैरेक का मानना है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान परमाणु समझौते से अपने देश को सिर्फ इसलिए अलग किया कि समझौता पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने किया था। मई 2018 के लीक हुए कूटनीतिक केबल के अनुसार डैरेक को लगता है, ‘‘प्रशासन कूटनीतिक जोड़तोड़ में जुटा हुआ है, खास तौर से वैचारिक और व्यक्तित्व के कारणों से ....वह ओबामा का समझौता था।’’
मेल ऑन संडे अखबार में लीक केबलों का दूसरा बैच प्रकाशित किया गया है। पहले बैच के प्रकाशन के बाद डैरेक को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। ब्रिटेन के तत्कालीन विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन मई 2018 में वॉशिंगटन गए थे ताकि वह ट्रंप को परमाणु समझौते से अलग नहीं होने के लिए राजी कर सकें। उसके बाद भेजे गए केबल (संदेश) में डैरेक ने संकेत दिया था कि इस फैसले को लेकर ट्रंप की टीम में मतभेद था। साथ ही उन्होंने दीर्घकालीक रणनीति की कमी के लिए व्हाइट हाउस की आलोचना भी की है।
डैरेक ने लिखा है कि वे लोग अगली रणनीति तक नहीं बना पा रहे हैं। विदेश विभाग के संपर्क ने आज सुबह कहा कि यूरोप या क्षेत्र में कहीं भी साझेदारों या समर्थकों से बातचीत करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने लिखा था कि जॉनसन के साथ बातचीत के दौरान विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने राष्ट्रपति के फैसले के बारे में कुछ बातचीत नहीं की। अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार, डैरेक ने कहा कि पोम्पिओ ने इसका भी संकेत दिया कि उन्होंने ट्रंप का मन बदलने का प्रयास किया था लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
Latest World News