वाशिंगटन: भारत के रुख का समर्थन करते हुए अमेरिका के एक शीर्ष जनरल ने आज कहा कि पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह तक चीन की पहुंच से हिन्द महासागर में बीजिंग की रणनीतिक उपस्थिति बढ सकती है। अमेरिकी मध्य कमान के कमांडर जनरल जोसेफ वोटल ने कहा कि चीन दीर्घावधि की संतुलित आर्थिक वृद्धि कर रहा है जो उसका अंतरराष्ट्रीय प्रभाव तथा ऊर्जा संसाधनों तक पहुंच बढाती है। उन्होंने कांग्रेस की बैठक के दौरान सीनेट की विदेश मामलों की समिति के सदस्यों से कहा, ‘‘ ‘बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव’ (बीआरआई) जिसमें चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) है, क्षेत्र में स्थिरता लाने वाली तथा लाभ कमाने वाली परियोजना है लेकिन यह चीन की सैन्य स्थिति को भी बढा सकती है।’’ (अफगानिस्तान में कम से कम 30 लोगों का अपहरण, 6 लोगों को मौत के घाट उतारा )
वोटल ने कहा कि आधारभूत परियोजनाएं चीन को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह तक पहुंच देती हैं जिसमें हिन्द महासागर में उसकी रणनीतिक उपस्थिति बढाने की क्षमता है। गौतरलब है कि भारत भी बार बार यह चिंता जताता रहा है।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की महत्वाकांक्षी बीआरआई योजना का ध्यान एशियाई देशों, अफ्रीका, चीन और सीपीईसी के बीच बेहतर संपर्क और सहयोग पर है। भारत बीआरआई का विरोध करता है क्योंकि इसमें सीपीईसी शामिल है जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है।
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