वाशिंगटन: पेंटागन ने कहा है कि भारत और चीन के बीच हालिया कुछ वर्षों में आर्थिक संबंध मजबूत हुए हैं लेकिन दोनों देशों के बीच सीमा के विवादित भागों पर तनाव बरकरार है। कांग्रेस में प्रस्तुत की गई अपनी वार्षिक रिपोर्ट में पेंटागन ने कहा, चीन और भारत की सीमा पर विवादित भागों में तनाव बरकरार है जहां दोनों देश सशस्त्र बलों के साथ गश्त करते हैं। (चीन, पाकिस्तान में स्थापित कर सकता है अपने सैन्य शिविर)
इसमें कहा गया है कि सितंबर 2016 में एक भारतीय गश्ती दल ने देखा कि 40 से अधिक चीनी सैनिकों ने अरूणाचल प्रदेश में उस भारतीय क्षेत्र में अस्थायी शिविर बना लिए हैं जिसे चीन दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है। पेंटागन ने कहा, दोनों पक्षों ने फ्लैग ऑफिसर स्तर की बैठकें कीं जिनमें उन्होंने शांति बनाए रखने पर सहमति जताई और इसके बाद आपसी रूप से स्वीकार्य स्थानों पर वापस चले गए।
उसने चीन के उसके पड़ोसी देशों के साथ सीमा संबंधी अन्य विवादों को भी सूचीबद्ध किया जिनमें मुख्य विवाद पूर्वी चीन सागर को लेकर है। पेंटागन ने कहा कि कुछ विवादों के कारण युद्ध हुए जैसे कि वर्ष 1962 में भारत और वर्ष 1979 में वियतनाम के साथ सीमा संबंधी संघर्ष हुआ। पूर्व सोवियत संघ के साथ विवादित सीमा के दौरान 1960 के दशक में परमाणु युद्ध का खतरा पैदा हो गया था।
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