वाशिंगटन: अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के कुछ घंटे बाद जो बाइडन कांग्रेस को एक समग्र आव्रजन विधेयक भेजेंगे जिसमें कई अन्य चीजों के अलावा रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए प्रति देश तय की गई सीमा को खत्म करने का भी प्रावधान है। इस कदम से अमेरिका में हजारों भारतीय आईटी पेशेवरों को लाभ होगा जिनके लिए वर्तमान में स्थायी कानूनी निवास के लिए प्रतीक्षा अवधि कई दशकों की है। व्हाइट हाउस के एक भावी अधिकारी के अनुसार ‘यूएस सिटीजनशिप एक्ट ऑफ 2021’ में आव्रजन प्रणाली को उदार बनाया गया है।
अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि यह विधेयक परिवारों को साथ रखने, देश की अर्थव्यवस्था में प्रगति, मध्य अमेरिका से आव्रजन के असल कारण के समाधान और अभियोजन से भागे लोगों के लिए अमेरिका को सुरक्षित शरणस्थली बनाए रखने को प्राथमिकता देता है। यह विधेयक अमेरिका में रहने वाले और काम करने वाले लोगों को नागरिकता देने के लिए एक मसौदा पेश करता है।
अधिकारी ने बताया कि यह विधेयक परिवारों को दूर करने वाले प्रावधानों को खत्म करने की बात करता है। इसके साथ ही इसमें रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए प्रति देश तय की गई सीमा को खत्म करने का भी प्रावधान है। इस विधेयक के कानून बनने से भारतीय आईटी पेशेवरों को बड़ा फायदा होगा जिनमें से अधिकतर उच्च रूप से दक्ष हैं और जो एच-1बी वीजा पर अमेरिका आए थे।
ये लोग मौजूदा आव्रजन प्रणाली से सर्वाधिक पीड़ित हैं क्योंकि इसमें ग्रीन कार्ड या स्थायी कानूनी निवास के लिए प्रति देश सात प्रतिशत आवंटन की व्यवस्था है। नवंबर में आए चुनाव परिणाम के बाद बाइडन पक्ष के एक दस्तावेज में कहा गया था कि वह वीजा प्रणाली में सुधार करेंगे जिसने लंबे समय से अनेक भारतीय परिवारों को प्रतीक्षा में रखा है। बाइडन का विधेयक हर साल 55,000 की जगह 80,000 वीजा देने की बात भी करता है।
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