वाशिंगटन: रूसी हैकरों ने पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से कुछ दिन पहले अमेरिका की एक वोटिंग सॉफ्टवेयर कंपनी को हैक किया था। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी की गोपनीय रिपोर्ट में हैकिंग के चुनाव परिणामों पर असर पड़ने की बात का उल्लेख नहीं किया गया है। (अमेरिका में 7 भारतीय कंपनियों को मिले कम H-1B वीजा)
लेकिन उसमें रूसी सेना खुफिया सेवा के अमेरिका की एक वोटिंग सॉफ्टवेयर कंपनी पर हमला करने और अक्तूबर के अंत और नवंबर की शुरूआत में 100 से अधिक स्थानीय अधिकारियों को ई-मेल भेज अपने झांसे में लेने की कोशिश की थी। अमेरिका खुफिया एजेंसी ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
दस्तावेजों में कहा गया है कि रूस सैन्य खुफिया सेवा ने स्पष्ट तौर पर चुनाव संबंधित जानकारी (सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर समाधान संबंधी जानकारी) हासिल करने के लिए अगस्त 2016 में एक नामित अमेरिकी कंपनी के खिलाफ साइबर जासूसी की थी। दस्तावेजों में किसी के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है।
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