न्यूयॉर्क: बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के अत्याचार एवं मानवाधिकार उल्लंघनों को रेखांकित करने के मकसद से बलूच कार्यकर्ता कल संयुक्त राष्ट्र में जनरल डिबेट के वक्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाषण के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासभा मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे। कोएलिशन ऑफ अमेरिकन फ्रेंड्स ऑफ बलूचिस्तान और इंडियन अमेरिकन ऑर्गेनाइजेशंस ने कहा कि वे बलूचिस्तान, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर, जम्मू कश्मीर के लोगों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ सरकार प्रायोजित अत्याचार और आतंकवाद के इस्तेमाल को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे।
बलूच नेशनल मूवमेंट ऑफ नॉर्थ अमेरिका (BNM) ने कहा कि सिंध एवं बलूचिस्तान में जारी सैन्य अभियानों के विरोध में बलूच और सिंधी कार्यकर्ता संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर संयुक्त विरोध प्रदर्शन करेंगे। BNM ने एक बयान में कहा, हमारा देश 1948 से पाकिस्तान के अवैध सैन्य कब्जे से मुक्त होने के लिए संघर्ष कर रहा है और ऐसे अहम मोड़ पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले समर्थन का बलूच लोग स्वागत करते हैं और वे उनके शुक्रगुजार हैं। शरीफ कल संयुक्त राष्ट्र में जनरल डिबेट को संबोधित करेंगे और उन्होंने कहा है कि वह कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाएंगे।
BNM ने कहा कि 20,000 से अधिक बलूच राजनीतिक कार्यकर्ता वर्ष 2003 से लापता हैं, पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अवैध रूप से उनका अपहरण किया है और जिन लापता लोगों की पुष्टि हुई है उन पीडि़तों को हिरासत में प्रताडि़त किया जा रहा है तथा फांसी दी जा रही है। समूह ने चीन पर पाकिस्तान के साथ हाथ मिलाने और अपनी आर्थिक गतिविधि को अंजाम देने के लिए कबायली तथा तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को विस्थापित करने का आरोप लगाया है।
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