भारत के लिए पाकिस्तान ने तैनात किये 130 परमाणु हथियार
पाकिस्तान अपनी परमाणु क्षमता को इजाफा करने की कोशिश में जुटा हुआ है। कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत को डराने के लिए पाकिस्तान ने 130 परमाणु हथियार तैनात कर रखे हैं।
वॉशिंगटन: पाकिस्तान अपनी परमाणु क्षमता को इजाफा करने की कोशिश में जुटा हुआ है। कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत को डराने के लिए पाकिस्तान ने 130 परमाणु हथियार तैनात कर रखे हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान के पास 110 से 130 न्यूक्लियर हथियार हैं या फिर इससे ज्यादा भी हो सकते हैं।
इस रिपोर्ट में इस बात पर भी चिंता जताई गई है कि पाकिस्तान काफी तेजी से अपने परमाणु हथियारों की संख्या में इजाफा कर रहा है। इसकी वजह से दक्षिण एशिया के इन दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है। कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की नई रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के परमाणु हथियार संकट की स्थिति से निबटने को तैयार हैं। पाक लगातार इसमें और इजाफा कर रहा है और उत्पादन में भी पिछले कई वर्षों की तुलना में तेजी आ गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाक अतिरिक्त परमाणु हथियारों को डेप्लॉय कर रहा है और नए तरीके के डिलीवर व्हीकल्स को भी तैनात करने में तेजी ला रहा है।
यह रिपोर्ट 28 पेज की है और रिपोर्ट में इस बात पर ध्यान दिया गया है कि पाक, भारत की सेना की ओर से पैदा किए जाने वाली किसी भी स्थिति से निबटने के लिए इनका प्रयोग कभी भी कर सकता है। कुछ सदस्यों ने पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु हथियारों की वजह से बढ़ते तनाव को लेकर भी चिंता जताई है। रिपोर्ट तैयार करने वाले पाॠल के केर और मेरी बैथ निकितिन ने हालांकि, दावा किया है कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भरोसे को बनाया जा सके। लेकिन उन्होंने इसे पर्याप्त नहीं बताया है।
रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा है कि पाकिस्तान में अस्थिरता का माहौल इन तमाम सुरक्षा उपायों पर सवाल खड़े कर रहे हैं। पर्यवेक्षकों ने भी आशंका जताई है कि पाकिस्तानी सरकार पर चरमपंथियों का कब्जा होने में स्थिति विपरीत हो सकती है।
पाकिस्तान के प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान को अवैध तरीके से लीबिया और उत्तर कोरिया को परमाणु तकनीक विकसित करने का दोषी पाया गया था। उनपर पश्चिमी देशों के प्रयोगशालाओं में काम करने के दौरान तकनीक चोरी करने का भी आरोप है। लेकिन वर्ष 2004 में तत्कालीन सैन्य शासन परवेश मुशर्रफ ने खान को माफी दे दी थी।