न्यूयॉर्क: दुनिया में कोरोना वायरस का कहर सबसे ज्यादा अमेरिका पर टूटा है। इसके चलते यहां अब तक 85 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 14.5 लाख से ज्यादा नागरिक संक्रमित हुए हैं। इस बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन के ऊपर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का भी दबाव है। अमेरिका में इस महामारी ने बुजुर्ग व गरीब लोगों को सबसे ज्यादा परेशान किया है। ताजा रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिका के ओल्ड एज होम्स और अन्य जगहों पर लगभग 26 हजार बुजुर्गों और कर्मचारियों की मौत हुई है।
बुजुर्गों के बीच लोकप्रिय रहे हैं ट्रंप
अमेरिका में उम्रदराज लोगों की मौत का आंकड़ा यह दर्शाता है कि ट्रंप सरकार उन्हें बीमारी के चंगुल में फंसने से बचाने में नाकामयाब रही है। उम्र के अंतिम पड़ाव में पहुंचे लोगों की स्थिति बहुत दयनीय हो रही है। अमेरिका में वायरस के संक्रमण से अभी तक हुई कुल मौतों का एक तिहाई से ज्यादा बुजुर्ग हैं। भले ही अमेरिका सरकार ने अब तक इस तरफ ज्यादा ध्यान न दिया हो, पर चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में बुजुर्गों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। माना जाता है राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बुजुर्गों के मतों पर निर्भर रहते आए हैं। वहीं विपक्षी डेमोक्रेट्स उम्मीदवार युवाओं के बीच ज्यादा लोकप्रिय हैं।
ट्रंप से नाराज हैं अमेरिका के बुजुर्ग!
हालिया रिपोर्ट कहती है कि कोरोन वायरस से निपटने के ट्रंप प्रशासन के तरीके को लेकर बुजुर्ग काफी नाराज हैं। जानकारों का मानना है कि इसका चुनावों पर कुछ न कुछ असर तो जरूर पड़ेगा। हालांकि ट्रंप चुनाव पर नजरें गड़ाए बैठे हैं, और हो सकता है कि वह जल्द ही एक बार फिर से अपने प्रचार अभियान को गति दे दें। इस बीच अगर अमेरिका में कोविड-19 की स्थिति बेहतर नहीं हुई और बुजुर्गों और अन्य लोगों के मरने का सिलसिला जारी रहा तो ट्रंप के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
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