अमेरिका बनाम नॉर्थ कोरिया: क्या ट्रंप ने आर पार की लड़ाई के लिए कस ली है कमर?
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह की लगातार भड़काऊ कार्रवाई के बाद अमेरिका ने करारा जवाब दिया है। अमेरिका ने नार्थ कोरिया के आसमान के ऊपर से अपने लड़ाकू विमानों को उड़ाया। अमेरिका के लड़ाकू विमानों ने बॉर्डर पर बम भी गिराए।
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह की लगातार भड़काऊ कार्रवाई के बाद अमेरिका ने करारा जवाब दिया है। अमेरिका ने नार्थ कोरिया के आसमान के ऊपर से अपने लड़ाकू विमानों को उड़ाया। नार्थ कोरिया के आसमान को चीरने के बाद अमेरिका के लड़ाकू विमानों ने उसके बॉर्डर पर बम भी गिराए। अपने कदम से अमेरिका के राष्ट्रपति ने किम जोंग को साफ संदेश दे दिया कि वो उसकी सनक को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अब अगर किम जोंग अगर अब अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो इसका अंजाम होगा सिर्फ और सिर्फ युद्ध....
अमेरिका की इस कार्रवाई को नॉर्थ कोरिया के तानाशाह को आखिरी अल्टीमेटम के रुप में देखा जा रहा है। लगता है कि तानाशाह की आए दिन की धमकियों के बाद अमेरिका ने किम जोंग के खिलाफ आर पार की लड़ाई लड़ने का फैसला कर लिया है। इसलिए राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सबसे आधुनिक F-35 B विमान को कोरिया प्रायद्वीप में भेज दिया। चार F-35 B विमान उत्तर कोरिया के बॉर्डर के पास पहुंचे और लगातार बमबारी कर उत्तर कोरिया तानाशाह के मन में दहशत पैदा करने की कोशिश की। ट्रंप ने चारों F-35 B विमानों के साथ ही दो B-1B वमबर्षक विमानों को भी उत्तर कोरिया के बॉर्डर पर भेजा। .इन छह विमानों ने दक्षिण कोरिया के F-15K के साथ मिलकर लाइव ड्रिल किया।
किम जोंग ने तीन सितंबर को हाइड्रोजन बम का परीक्षण कर पूरी दुनिया में खबबली मचा दी थी। इस पर अभी हायतौबा मची ही थी कि उसने इंटरकंटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर दुनिया के सामने नई चुनौती पेश कर दी। उत्तर कोरिया की मिसाइल जापान के आसमान से होते हुई 3700 किलोमीटर दूर तक गई और प्रशांत महासागर में गिरी। इसी का जवाब देने के लिए ट्रंप ने उत्तर कोरिया के आसमान के ऊपर भेजे अपने सबसे मारक लड़ाकू विमान F-35 B और B-1B।
F-35 B विमान ही क्यों ?
आखिर ट्रंप ने किम जोंग को चेतावनी देने के लिए F-35 B और B-1B विमानों को ही क्यों चुना। F-35 B अमेरिका का सबसे आधुनिक और दुश्मन की नजर से छिपने वाला विमान है। ऐसे विमानों को स्टील्थ यानि की गुप्त विमान कहा जाता है। ऐसे विमानों की भनक न तो दुश्मन देश को लग पाती है और न ही उसके रडार इस विमान को पकड़ पाते हैं... इस विमान की एक और खासियत ये है कि इसे उड़ने के लिए रनवे की जरूरत नही है। ये कहीं से आसानी से हेलीकॉप्टर की तरह उ़ड़ सकता है और देखते ही देखते आसमान में ओझिल हो सकता है। यानि कि अगर जरूरत पड़ी तो इस विमान को चंद मिनट के अंदर जंग के मोर्चे पर भेजा जा सकता है।
गुआम से पहुंचा B1B विमान
उत्तर कोरिया के बॉर्डर के पास अभ्यास में शामिल दूसरा अमेरिका विमान B-1B है। ये वो विमान है जो अमेरिकी द्वीप गुआम पर तैनात रहता है। ये वही गुआम द्वीप है, जिसे किम जोंग मिसाइल से उड़ाने की लगातार धमकी दे रहा है उत्तर कोरिया की धमकियों के बाद ही ट्रंप ने B-1B विमानों की दक्षिण कोरिया में तैनाती का आदेश दिया है जहां से उत्तर कोरिया से जंग होने की हालात में इनके लिए किम जोंग के ठिकानों पर बमबारी करना ज्यादा आसान होगा। B-1B ध्वनि से भी तेजी से उड़ने वाला विमान है जिसका उत्तर कोरिया के पास कोई जवाब नहीं है।