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अमेरिका का संकेत, भारत-पाक मतभेद सुलझाने में मध्यस्थता नहीं

भारत तथा पाकिस्तान के बीच के मुद्दों को सुलझाने में मध्यस्थ की भूमिका न निभाने का संकेत देते हुए अमेरिका ने कहा है कि दोनों देशों को अपने मतभेद सुलझाने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए।

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वाशिंगटन: भारत तथा पाकिस्तान के बीच के मुद्दों को सुलझाने में मध्यस्थ की भूमिका न निभाने का संकेत देते हुए अमेरिका ने कहा है कि दोनों देशों को अपने मतभेद सुलझाने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए। 

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी से संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया कि क्या विदेश मंत्री जान केरी ने भारत तथा पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाने की पेशकश की है। इस पर किर्बी ने कहा, "जैसा मैं कह चुका हूं, हम भारत तथा पाकिस्तान को अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए साथ मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।"

किर्बी ने इस बात की पुष्टि की कि जॉन केरी ने बीते गुरुवार को पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद इसहाक डार से बातचीत की, लेकिन उन्होंने उनके बीच हुई बातचीत का विवरण नहीं दिया। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी एक बयान में बातचीत के दौरान पाकिस्तान के पक्ष का विवरण दिया गया था।

यह पूछे जाने पर कि क्या केरी ने सिंधु जल विवाद को लेकर भारतीय अधिकारियों से बातचीत की है और अगर की है तो किस स्तर पर की है, किर्बी ने कहा, "विभिन्न मुद्दों को लेकर हम भारत तथा पाकिस्तान के साथ नियमित रूप से संपर्क में हैं। मेरे पास आपके लिए और अधिक विवरण नहीं है।" किर्बी ने कहा, "हम भारत तथा पाकिस्तान को किसी भी मतभेद को सुलझाने के लिए साथ मिलकर काम करने को प्रोत्साहित करेंगे, जैसा कि हम पहले भी करते आए हैं।"पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के मुताबिक, केरी ने डार को टेलीफोन किया था।

इस तरह का संकेत देते हुए कि केरी ने अमेरिकी मध्यस्थता की बात कही है, मंत्रालय ने कहा, "डार ने संकेत दिया है कि पाकिस्तान के सिद्धांतों तथा कानूनी रुख पर अमेरिका के समर्थन की सराहना की जाएगी।"

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