वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के भड़काऊ मिसाइल एवं परमाणु परीक्षणों का जवाब देने के मद्देनजर अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की। इस बीच, प्योंगयांग को अपनी शक्ति दिखाने के लिए दो भारी अमेरिकी बमवर्षक विमानों ने कोरियाई प्रायद्वीप के पार से उड़ान भरी। उत्तर कोरिया फरवरी से अब तक 15 परीक्षणों में 22 मिसाइलें दाग चुका है, जिसकी अमेरिका और उसके सहयोगियों ने कड़ी निंदा की थी। प्योंगयांग ने हाल में दो अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों आईसीबीएम का प्रक्षेपण किया था, जो जापान के पर से होकर गुजरी थीं। इसके बाद से क्षेत्र में तनाव और अधिक बढ़ गया है। (पाक सरकार ने अगर सबूत नहीं दिए तो खत्म कर दी जाएगी सईद की नजरबंदी)
व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप ने रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस और जनरल जोसेफ डनफोर्ड, यूएस ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष सहित अपने शीर्ष सलाहकारों के साथ मुलाकात की। इसने कहा, बैठक उत्तर कोरिया की तरफ से किसी भी प्रकार की आक्रामक कार्रवाई पर जवाब देने के विभिन्न विकल्पों पर केंद्रित थी, ताकि आवश्यकता पड़ने पर वाशिंगटन एवं उसके सहयोगियों को परमाणु हथियारों के खतरे से बचाया जा सके। बैठक के दौरान मैटिस और डनफोर्ड ने ट्रंप और उनकी राष्ट्रीय सलाहकार टीम को उत्तर कोरिया पर जानकारी दी। ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन के बीच लगातार वाकयुद्ध होता रहा है जिससे दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा था कि उत्तर कोरिया के साथ कूटनीतिक प्रयास लगातार विफल रहे हैं। ट्रंप ने शनिवार को ट्वीट किया था, राष्ट्रपति और उनका प्रशासन पिछले 25 साल से उत्तर कोरिया से बातचीत करते रहे हैं, समझौते किए गए और बड़ी मात्रा में भुगतान किया गया। उन्होंने लिखा, यह काम नहीं आया, स्याही सूखने से पहले ही समझौते तोड़ दिए गए, अमेरिकी वार्ताकारों को बेवकूफ बनाया गया। सैन्य कार्रवाई की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, माफ कीजिए, लेकिन अब केवल एक ही रास्ता बचा है। वहीं गुआम से दो बी-1बी लांसर बमवर्षकों ने कल जापान सागर के आसपास उड़ान भरी। अमेरिकी प्रशांत वायुबल ने एक बयान में कहा कि यह प्योंगयांग के खिलाफ स्पष्ट तौर पर एक शक्ति प्रदर्शन है।
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