वाशिंगटन/नई दिल्ली: लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प पर अमेरिका ने शहीद हुए 20 भारतीय जवानों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की और कहा कि वह हालातों पर करीब से नजर बनाए हुए है। अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से यह बयान जारी किया गया है। बयान में अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि वह वर्तमान हालातों का शांतिपूर्ण तरीके से हल चाहते हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने बयान में कहा, "हम वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय और चीनी जवानों के बीच मौजूदा हालातों पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। हमें जानकारी मिली कि भारतीय सेना ने घटना में उनके 20 जवानों की शहादत की बात कही है। हम शहीद जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं।"
विभाग के प्रवक्ता ने आगे कहा, "भारत और चीन, दोनों ने डी-एस्केलेट करने की इच्छा प्रकट की है और हम वर्तमान स्थिति के शांतिपूर्ण तरीके से हल का समर्थन करते हैं। दो जून को टेलीफोन पर बातचीत के दौरान, राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी ने भारत-चीन सीमा पर स्थिति पर चर्चा की थी।'
बता दें कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि 15 जून की शाम और देर रात चीन की तरफ से मौजूदा स्थिति को बदलने के प्रयास के बाद भारतीय सेना और PLA के बीच हिंसक झड़प हुई। इस झड़प में दोनों पक्षों को नुकसान हुआ, अगर चीनी सेना समझौते का पालन करती तो इसे रोका जा सकता था।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पूर्वी लद्दाख के बॉर्डर इलाके में हालात को सामान्य करने की कोशिशों के तहत भारत और चीन सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत कर रहे थे। 6 जून को सीनियर कमांडर्स की हुई बैठक काफी प्रोडक्टिव रही थी। इस बैठक में तनाव को कम करने पर सहमति बनी। इसके फलस्वरूप कमांडर लेवल पर कई बैठक हुई ताकि उच्च स्तर पर एक सहमति बनाई जाए।
बयान में कहा गया है कि भारत सीमा क्षेत्रों में शांति और शांति के रखरखाव और बातचीत के माध्यम से मतभेदों के समाधान की आवश्यकता के बारे में दृढ़ता से आश्वस्त है। साथ ही, अपनी की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए भी दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।
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