वाशिंगटन: यरूशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के मुद्दे पर वैश्विक निंदा का सामना करने के बीच व्हाइट हाउस ने आज राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि यह ‘‘जमीनी हकीकत को दिखाता’’ है और अमेरिका शांति प्रक्रिया के लिये प्रतिबद्ध है। ट्रम्प ने बुधवार को एक प्रमुख नीतिगत संबोधन में यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने की घोषणा की। इस फैसले का इस्राइल ने तुरंत स्वागत किया लेकिन इसके नतीजतन पश्चिम एशिया में आक्रोश एवं अमेरिका के कई सहयोगियों तथा गठबंधन देशों से विरोध दिखने लगा। (यरूशलम पर ट्रंप के फैसले से ‘बहुत चिंतित’ है पुतिन )
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘राष्ट्रपति ने अपनी टिप्पणी में कहा कि हमेशा से शांति प्रक्रिया के प्रति हमारी प्रतिबद्ध रही है और हम इसे उन संवादों एवं चर्चाओं में भी लगातार आगे बढ़ाना चाहते हैं।’’ प्रेस सचिव ने कहा, ‘‘आशा करते हैं कि सभी पक्षों का अंतिम लक्ष्य शांति समझौते तक पहुंचना है और इसे लेकर अमेरिका बहुत प्रतिबद्ध है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या किसी अन्य देश भी इस संबंध में अमेरिका के अनुसरण की योजना बना रहा है, इस पर सारा ने कहा, ‘‘किसी अन्य देश के अमेरिका का अनुसरण करने के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।’’
संवाददाताओं के साथ अलग बातचीत में पश्चिम एशिया मामलों के लिये कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री डेविड एम सैटरफील्ड ने यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने से संबंधित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ऐतिहासिक घोषणा को दोहराया। अमेरिकन-इस्राइल पब्लिक अफेयर्स कमेटी ने भी इस फैसले को ‘‘ऐतिहासिक’’ बताया।
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