वाशिंगटन: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ हो रही कार्रवाई के खिलाफ बिल पास किया है, जिससे चीन तिलमिला उठा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन को उइगर और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ चलाए उसके अभियान के लिए दंडित करने के लिए एक विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
विधेयक में पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र में उइगरों और अन्य जातीय समूह के लोगों की बड़े पैमाने पर निगरानी और उन्हें हिरासत में लेने वाले चीन के अधिकारियों पर प्रतिबंध की बात भी शामिल हैं। चीन में एक लाख से अधिक लोगों को बदतर हालात में शिविरों में हिरासत में रखने के खिलाफ और उसे दंडित करने के लिए किसी भी देश द्वारा उठाया गया यह एक बड़ा कदम है।
कांग्रेस ने विधेयक पारित कर दिया और बुधवार को ट्रम्प ने भी इस पर हस्ताक्षर कर दिए। अमेरिका के इस कदम के बाद चीन के साथ पहले से खराब चल रहे उसके संबंधों के और तनावपूर्ण होने की आशंका है। इस बिल को पास किए जाने के बाद अब चीन ने भी इसपर बयानबाजी शुरू कर दी है। समाचार एजेंसी एएफपी ने ट्वीट पर जानकारी दी कि बीजिंग (चीन की राजधानी) का कहना है कि उइगर बिल चीन पर दुर्भावनापूर्ण हमला है और इसके परिणाम भुगतने होंगे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, माना जा रहा है चीन के खिलाफ उठाया गया यह अमेरिका का बहुत बड़ा कदम है। ट्रम्प ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि 2020 उइगर मानवाधिकार नीति अधिनियम “मानवाधिकारों के उल्लंघन के अपराधियों” को जवाबदेह ठहराएगा। उइगरों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे वकील नुरी टर्केल ने सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति का शुक्रिया अदा करते हुए लिखा, ‘‘ यह अमेरिका और उइगर लोगों के लिए एक महान दिन है।’’
(इनपुट- भाषा और AFP)
Latest World News