एंकोरेज: अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ का कहना है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2015 के परमाणु समझौते से बाहर होने के बाद अमेरिका उस पर दोबारा प्रतिबंध लगा रहा है और उन्हें कड़ाई से लागू करेगा। मंगलवार सुबह नौ बजकर 31 मिनट से ईरान सरकार अमेरिकी मुद्रा नहीं खरीद सकती और कालीन के आयात सहित ईरानी उद्योग पर व्यापक प्रतिबंध भी लगाए जाएंगे। क्या तेहरान इनसे (प्रतिबंधों) बच पाएगा के सवाल पर पोम्पिओ ने पत्रकारों से कहा, ‘‘अमेरिका प्रतिबंध लागू करने जा रहा है।’’ (ओसामा के बेटे ने 9/11 हाइजैकर की बेटी से रचाई है शादी: रिपोर्ट्स)
सिंगापुर में सुरक्षा पर आयोजित एक बड़ी बैठक में हिस्सा लेने के बाद वाशिंगटन लौटते समय उन्होंने यह बात कही। पोम्पिओ ने कहा कि ईरान पर प्रतिबंध बढ़ाने का तात्पर्य ईरान की घातक गतिविधियों को रोकना है। उन्होंने कहा कि ईरान की जनता अपने नेतृत्व की विफलता से नाखुश हैं, जिसने अपने आर्थिक वादे पूरे नहीं किए। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ईरानी लोग खुश नहीं है, अमेरिका से नहीं बल्कि अपने खुद के नेताओं से...।’’
अमेरिका ने इस साल मई में ‘2015 के परमाणु समझौते’ से खुद को अलग कर लिया था। छह अगस्त से वह ईरान के अधिकतर क्षेत्रों पर ‘‘अधिकतम दबाव’’ वाले प्रतिबंध लागू करने जा रहा है और चार नवंबर से ऊर्जा क्षेत्र में प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
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