वाशिंगटन: हेलसिंकी में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक के दौरान 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस के हस्तक्षेप संबंधी अपने देश की खुफिया एजेंसी के दावों का समर्थन नहीं करने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की देश के राजनीतिक हलके में आज कटु आलोचना हो रही है। कुछ लोगों ने जहां पुतिन के साथ हुए संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप की टिप्पणियों को ‘‘ अपमानजनक , शर्मनाक और विश्वासघाती ’’ बताया वहीं राष्ट्रपति के कुछ करीबी समर्थकों ने भी उनके बयान को राष्ट्रपति कार्यकाल की सबसे गंभीर गलती बतायी। यूरोप की करीब एक सप्ताह लंबी यात्रा के बाद व्हाइट हाउस वापस लौटे ट्रंप ने अपनी टिप्पणियों का बचाव किया। (अमेरिका के खिलाफ जाकर ये देश करेंगे विशाल व्यापारिक समझौता )
वापसी के दौरान एयर फोर्स वन से ही ट्रंप ने ट्वीट किया , ‘‘ जैसा मैंने आज कहा और पहले भी कई बार कह चुका हूं , मुझे अपने खुफिया विभाग के लोगों पर बहुत भरोसा है। लेकिन , मैं यह भी मानता हूं कि उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए हम सिर्फ अतीत पर आधारित नहीं रह सकते हैं ... दुनिया की दो सबसे बड़ी परमाणु शक्तियां होने के नाते हमारे बीच संबंध अच्छे होने ही चाहिए। ’’ उन्होंने कहा , ‘‘ राजनीति के चक्कर में शांति गंवाने के बजाए मैं शांति की खोज में राजनीतिक खतरा मोल लेना सही समझता हूं। ’’ उन्होंने कहा कि फलदायी वार्ता ना सिर्फ अमेरिका और रूस के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए अच्छी है। अमेरिकी विश्लेषकों का कहना है कि वार्ता के बाद पुतिन के साथ संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान ट्रंप 2016 राष्ट्रपति चुनावों में रूस के हस्तक्षेप की बात को पुख्ता तरीके से रखने से मना कर दिया।
सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के प्रमुख रिपब्लिकन सीनेटर जॉन मैककैन ने कहा , ‘‘ उन्होंने कहा , उन्हें लगता है कि यह रूस है। मैं राष्ट्रपति पुतिन के साथ हूं ..... उन्होंने अभी कहा कि यह रूस नहीं है। ’’ ट्रंप को रूस के हस्तक्षेप का कारण नजर नहीं आता। पुतिन भी इससे साफ इनकार करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हेलसिंकी में आज हुआ संवाददाता सम्मेलन अमेरिकी राष्ट्रपति के इतिहास में अभी तक का सबसे शर्मनाक वाकया है। राष्ट्रपति ट्रंप की नासमझी , अहंकार और तानाशाहों के प्रति प्रेम को समझा नहीं जा सकता। लेकिन यह स्पष्ट है कि हेलसिंकी का संवाददाता सम्मेलन दुर्भाग्यपूर्ण गलती है।’’ अमेरिका के नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक डैन कोट्स का कहना है कि 2016 चुनाव में रूसी हस्तक्षेप और हमारे लोकतंत्र को खराब करने के उसके प्रयासों पर हम स्पष्ट हैं। हम राष्ट्रीय सुरक्षा के समर्थन में स्पष्ट और तार्किक सूचनाएं मुहैया कराते रहेंगे। सीआईए के पूर्व निदेशक जॉन ब्रेनन , भारतीय - अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल , सांसद राजा कृष्णमूर्ति सहित मुख्य धारा की मीडिया ने भी ट्रंप की आलोचना की है।
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