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अमेरिका में कोरोना का कहर जारी, मरने वालों की संख्या 5 लाख के करीब पहुंची

अमेरिका में कोरोना वायरस महामारी से मरने वालों की संख्या पांच लाख के करीब पहुंच गई है। कोविड-19 से पिछले एक साल में 4,98,000 लोगों की जान गई है, जो मिसौरी के कंसास सिटी शहर की आबादी के बराबर है।

अमेरिका में कोरोना का कहर जारी, मरने वालों की संख्या 5 लाख के करीब पहुंची- India TV Hindi Image Source : AP अमेरिका में कोरोना का कहर जारी, मरने वालों की संख्या 5 लाख के करीब पहुंची

वाशिंगटन: अमेरिका में कोरोना वायरस महामारी से मरने वालों की संख्या पांच लाख के करीब पहुंच गई है। कोविड-19 से पिछले एक साल में 4,98,000 लोगों की जान गई है, जो मिसौरी के कंसास सिटी शहर की आबादी के बराबर है। जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, अब तक कोविड-19 से हुई मौत की संख्या, 2019 में सांस की बीमारी, पक्षाघात, अल्झाइमर्स फ्लू और निमोनिया से हुई कुल मौतों से अधिक है। 

अमेरिका के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ एंथोनी फौची ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा, “1918 में इन्फ्लुएंजा महामारी के बाद पिछले 102 सालों में हमने ऐसा कुछ नहीं देखा।” ऐसे में सोमवार को राष्ट्रपति जो बाइडन कोविड-19 से मरने वालों की याद में व्हाइट हाउस में मौन रखकर शोक प्रकट करेंगे।

टीकाकरण अभियान में मदद कर रहे हैं भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक

अमेरिका के न्यू जर्सी में बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक हजारों स्थानीय लोगों को कोविड-19 का टीका लगाने में मदद करने के लिए सामने आ रहे हैं। ‘ओशन काउंटी हेल्थ डिपार्टमेंट’ के ‘पब्लिक हेल्थ, प्रीप्रेयडनेस, प्लानिंग एंड एजुकेशन’ के निदेशक डॉ.मुकेश रॉय और ‘मानेमाउथ एंड ओशन काउंटी चैप्टर ऑफ एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन’ (एमओसीएएपीआई) के अध्यक्ष अविनाश गुप्ता कोविड-19 के टीकाकरण अभियान में अधिकारियों की मदद करने की इस पहल की अगुवाई कर रहे हैं।

‘ओशन काउंटी कमिश्नर’ गैरी लिटल ने एक बयान में कहा कि टीके लगाने के लिए सभी की जरूरत है और ‘‘सरकार इसे अकेले पूरा नहीं कर सकती। स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के सभी खंडों की मदद से ही इसे पूरा किया जा सकता है।’’ लिटल ने कहा, ‘‘ हमें इसमें हमारे सभी स्वास्थ्य प्रदाताओं की जरूरत है। टीके का हर जगह पहुंचना बेहद जरूरी है।’’ 

लिटल के इस आह्वान पर गौर करते हुए, रॉय और गुप्ता उन प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसके तहत बड़ी संख्या में भारतीय मूल के चिकित्सक अपनी सुविधानुसार और स्वेच्छा से सप्ताहांत पर निवासियों को टीके लगाने में मदद कर रहे हैं।

(इनपुट- भाषा)

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