संयुक्त राष्ट्र: अफगानिस्तान ने आतंक विरोधी मोर्चे पर पाकिस्तान पर बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय दबाव और हाल ही में उसे वित्तीय मदद के जरिए आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों की निगरानी सूची में शामिल करने का स्वागत किया है। उसने अमेरिका द्वारा उसे दी जाने वाली सहायता में कटौती का भी स्वागत किया है। अफगानिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि महमूद सैकल ने गुरुवार को सुरक्षा परिषद को बताया, ‘हम आशा करते हैं कि यह रूख जारी रहेगा और अफगानिस्तान और क्षेत्र की शांति व सुरक्षा के हित में इन कदमों को उठाए जाने से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।’
उन्होंने कहा, ‘हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वास्तव में आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए नए उपाय अमल में लाए जाते देखे गए हैं।’ उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन संदर्भ स्पष्ट था। सैकल ने कहा, ‘संबंधित देश के लिए वित्तीय सहायता में कटौती करना और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की निगरानी सूची में शामिल करने जैसे फैसले आतंकवाद को प्रभावी रूप से परास्त करने के महत्वपूर्ण लक्ष्य को नए सिरे से एक वास्तविक प्रोत्साहित कार्रवाई के प्रयास को दर्शाते हैं।’ पिछले महीने अमेरिका ने पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में शामिल करने के लिए FATF के सदस्यों को राजी कर लिया था। यह निगरानी आतंकवाद के वित्त पोषण और धन शोधन को रोकने के मामले में पर्याप्त रूप से ठोस कार्रवाई नहीं करने पर की जाती है।
जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी संगठनों की मदद करने और इनका समर्थन करने पर उसे दी जाने वाली सैन्य सहायता और करीब 1.2 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता रोक लेने आदेश दिए थे। सैकल ने जनवरी में तालिबान के हक्कानी नेटवर्क द्वारा काबुल स्थित इंटरकॉन्टिनेंटल होटल पर किए हमले की निंदा की। हमले में 14 विदेशी नागरिकों सहित 18 लोग मारे गए थे। उन्होंने जलालाबाद में 'सेव द चिल्ड्रन' NGO पर हुए हमले, जिसमें 27 लोग मारे गए थे, और एक बड़े अस्पताल के पास विस्फोटकों से भरे एंबुलेंस में हुए विस्फोट की भी निंदा की, जिसमें 105 नागरिक मारे गए थे।
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