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अमेरिका के राष्ट्रपति बायडेन ने कहा-'मैं अपने फैसले पर अडिग हूं, अफगानिस्तान के नेताओं ने हार मानी'

'हमने तालिबान को स्पष्ट कर दिया है कि अगर वे हमारे लोगों पर हमला करते हैं या हमारे ऑपरेशन को बाधित करते हैं, तो अमेरिका की प्रतिक्रिया तेज और जोरदार होगी।'

अमेरिकी राष्ट्रपति बायडेन ने कहा-'मैं अपने फैसले पर अडिग हूं, अफगानिस्तान के नेताओं ने हार मानी'- India TV Hindi Image Source : ANI/TWITTER अमेरिकी राष्ट्रपति बायडेन ने कहा-'मैं अपने फैसले पर अडिग हूं, अफगानिस्तान के नेताओं ने हार मानी'

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन ने अफगानिस्तान संकट पर अमेरिकी नागरिकों को संबोधित करते हुआ कहा कि अफगानिस्तान से सेना वापसी के फैसले पर मैं अडिग हूं। अफगानिस्तान के नेताओं ने हार मान ली और बिना लड़े देश छोड़कर भाग गए। इसके साथ ही उन्होंने तालिबान को भी चेतावनी दी है कि अमेरिकी नागरिकों पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। 

सेना वापसी का फैसला सही
 जो बायडेन ने कहा कि अफगानिस्तान में अचानक हालात बदलने से वहां स्थिति गंभीर हो गई है। बायडेन ने अपने भाषण में अमेरिकी सेना को अफगानिस्तान से वापस बुलाने के फैसले को सही करार दिया और कहा कि हमारी सेना वहां लगातार लड़ने का जोखिम नहीं उठा सकती।  उन्होंने देश को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं अपने फैसले के साथ पूरी तरह हूं। मैंने 20 वर्षों के बाद यह सीखा कि अमेरिकी सेना को वापस बुलाने का कभी अच्छा समय नहीं आया, इसलिए हम अभी तक वहां थे। हम जोखिमों को लेकर स्पष्ट थे। हमने हर आकस्मिक स्थिति की योजना बनायी लेकिन मैंने अमेरिकी लोगों से हमेशा वादा किया कि मैं आपसे बिल्कुल स्पष्ट बात करूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि यह सब कुछ हमारे अनुमान से कहीं ज्यादा जल्दी हुआ। तो, क्या हुआ? अफगानिस्तान के नेताओं ने हार मान ली और देश छोड़कर भाग गए। अफगान सेना पस्त हो गयी और वो भी लड़ने की कोशिश किए बिना। पिछले हफ्ते के घटनाक्रमों ने यह साबित कर दिया कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की भागीदारी को खत्म करना सही फैसला है।’’ 

हमारे लोगों पर हमला हुआ तो प्रतिक्रिया जोरदार होगी
बाइडन ने साथ ही कहा कि अगर तालिबान अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के अभियानों में हस्तक्षेप करता है तो अमेरिका विध्वंसक बल के साथ जवाब देगा। उन्होंने कहा, ‘‘सेना की वापसी के साथ ही हमने तालिबान को स्पष्ट कर दिया है कि अगर उन्होंने हमारे कर्मियों पर हमला किया या हमारे अभियान में बाधा डाली तो त्वरित और जोरदार जवाब दिया जाएगा।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हम जरूरत पड़ने पर विध्वंसकारी बल के साथ अपने लोगों की रक्षा करेंगे। हमारे मौजूदा अभियान का मकसद अपने लोगों और सहयोगियों को सुरक्षित और जल्द से जल्द बाहर निकालना है।’’ 

हमनें उन्हें अपना भविष्य तय करने का हर मौका दिया
उन्होंने कहा, ‘‘हम 20 वर्षों के खून-खराबे के बाद अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध को खत्म करेंगे। हम अब जो घटनाएं देख रहे हैं, वे दुखद रूप से यह साबित करती हैं कि कोई भी सेना स्थिर, एकजुट और सुरक्षित अफगानिस्तान नहीं बना सकती। जैसा कि इतिहास रहा है, यह साम्राज्यों का कब्रिस्तान है।’’ बाइडन ने कहा, ‘‘हमने एक हजार अरब डॉलर से अधिक खर्च किए। हमने अफगानिस्तानी सेना के करीब 3,00,000 सैनिकों को प्रशिक्षित किया। उन्हें साजो-सामान दिए। उनकी सेना हमारे कई नाटो सहयोगियों की सेनाओं से कहीं अधिक बड़ी है। हमने उन्हें वेतन दिए, वायु सेना की देखरेख की, जो तालिबान के पास नहीं है। तालिबान के पास वायु सेना नहीं है। हमनें उन्हें अपना भविष्य तय करने का हर मौका दिया। हम उन्हें उस भविष्य के लिए लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं दे सकते।’’

नेता अपने लोगों की भलाई के लिए एक साथ आगे नहीं आ पाए
मैरीलैंड में कैम्प डेविड के राष्ट्रपति रिजॉर्ट से व्हाइट हाउस लौटते हुए बाइडन ने कहा कि अमेरिका ने उन्हें हर वह औजार दिया जिसकी उन्हें जरूरत हो सकती थी। उन्होंने कहा, ‘‘अफगान सेना में कई बहादुर और सक्षम सैनिक हैं, लेकिन यदि अफगानिस्तान अब तालिबान का कोई प्रतिरोध करने में असमर्थ है तो एक साल, एक और साल, पांच और साल या 20 और साल तक अमेरिका के वहां होने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब अफगानिस्तान की खुद की सशस्त्र सेना लड़ना नहीं चाहती, तो अमेरिका की और सेना को भेजना गलत है। अफगानिस्तान के राजनीतिक नेता अपने लोगों की भलाई के लिए एक साथ आगे नहीं आ पाए।’’ 

 गलतियों को दोहरा नहीं सकते
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे कूटनीति से बात करने और तालिबान के साथ राजनीतिक समझौता करने का अनुरोध किया था। इस सलाह को सिरे से खारिज कर दिया गया। गनी ने जोर दिया कि अफगान सेना लड़ेगी, लेकिन जाहिर तौर पर वह गलत थे।’’ बाइडन ने कहा कि वह अतीत में अमेरिका द्वारा की गयी गलतियों को नहीं दोहराएंगे। किसी संघर्ष में शामिल रहने और अनिश्चितकाल तक लड़ने की गलती अमेरिका के राष्ट्रीय हित में नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हम इन गलतियों को दोहरा नहीं सकते क्योंकि हमारे दुनिया में अहम हित हैं जिन्हें हम नजरअंदाज नहीं कर सकते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह भी मानता हूं कि हम में से ज्यादातर लोगों के लिए यह कितना दुखद है। अफगानिस्तान से जो दृश्य सामने आ रहे हैं वे अत्यंत परेशान करने वाले हैं।’’

इनपुट-भाषा

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