‘तालिबान को पनाह देना बंद करे पाक तो अफगानिस्तान में कुछ हफ्तों में खत्म हो जाए युद्ध’
अमेरिका के एक शीर्ष सीनेटर ने कहा कि पाकिस्तान अगर अपने यहां तालिबान को पनाह देना बंद कर दे तो कुछ हफ्तों में ही अफगानिस्तान में जारी युद्ध समाप्त हो जाएगा।
वाशिंगटन: अमेरिका के एक शीर्ष सीनेटर ने कहा कि पाकिस्तान अगर अपने यहां तालिबान को पनाह देना बंद कर दे तो कुछ हफ्तों में ही अफगानिस्तान में जारी युद्ध समाप्त हो जाएगा। सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा कि अमेरिका को अफगानिस्तान में युद्ध समाप्त करने के लिए तालिबान के बजाय पाकिस्तान से बात करनी चाहिए। ग्राहम ने सोमवार को एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘तालिबान के साथ बातचीत कर मुझे लगता है हम गलती कर रहे हैं। मेरा मानना है कि हमें जो करना चाहिए वह पाकिस्तान से बातचीत हैं। अगर पाकिस्तान तालिबान को उसके क्षेत्र में पनाह देना बंद कर दे तो अफगानिस्तान में कुछ सप्ताह में ही युद्ध समाप्त हो जाएगा।’’
गौरतलब है कि अमेरिका ने गत शनिवार को ही कतर में तालिबान से एक बार फिर बातचीत शुरू की है। करीब तीन महीने पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अचानक बातचीत बंद कर दी थी। तालिबान ने कहा है कि अमेरिका के साथ उसके शांति करार की संभावनाएं इस बार बहुत मजबूत हैं। इस बात की संभावना है कि क्रिसमस या नए साल के शुरू तक अमेरिका इस करार के होने का ऐलान कर देगा।
तालिबान और अमेरिका के बीच कतर के दोहा में शनिवार को फिर से शांति वार्ता शुरू हुई। तालिबान का कहना है कि उसने वार्ता का सिरा वहीं से पकड़ा है, जहां यह सितंबर महीने में था जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वार्ता रद्द कर दी थी। वे लोग उस तारीख और जगह के नाम पर अभी काम कर रहे हैं जब और जहां शांति समझौते का ऐलान किया जाएगा।
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, शांति वार्ता से करीब से जुड़े एक तालिबानी नेता ने कहा, "शांति प्रक्रिया की अधिकांश बातों पर बात पहले ही हो चुकी है और इन पर दोनों पक्षों की सहमति है। अमेरिका शांति समझौते का ऐलान या तो क्रिसमस पर या नए साल में कर देगा।"
नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि 'वार्ता में अमेरिकी पक्ष का नेतृत्व उसके विशेष दूत जाल्मे खलीलजाद कर रहे हैं जबकि तालिबान पक्ष का नेतृत्व मुल्ला अब्दुल गनी बिरादर के पास है। तालिबान को लग रहा है कि अमेरिका इस बार शांति वार्ता को लेकर 'गंभीर' है।
खलीलजाद के अलावा दोहा वार्ता में अफगानिस्तान में अमेरिका के सैन्य कमांडर जनरल स्कॉट मिलर भी हिस्सा ले रहे हैं। हमें उम्मीद नहीं थी कि जनरल मिलर शांति वार्ता के लिए काबुल से आएंगे। उन्हें देखकर लगा कि इस बार अमेरिका शांति प्रक्रिया को लेकर गंभीर है।'
तालिबान नेताओं ने बताया कि उन्होंने 'अमेरिका को अफगानिस्तान में सशर्त जंगबंदी की पेशकश की है। अमेरिका को दो विकल्प दिए गए हैं। या तो वे हमारे खिलाफ अभियान रोक दें तो हम पूर्ण युद्धविराम कर देंगे। दूसरा यह कि वे जिन इलाकों से अपनी सेना हटा लेंगे, वहां हम उन पर हमले नहीं करेंगे।'