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Hindi News विदेश अमेरिका भारत-अमेरिका के संबंधों में ऐतिहासिक बदलाव को दर्शाती है पहली ‘टू प्लस टू’ वार्ता

भारत-अमेरिका के संबंधों में ऐतिहासिक बदलाव को दर्शाती है पहली ‘टू प्लस टू’ वार्ता

अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच हुई “बेहद सफल” पहली ‘टू प्लस टू’ वार्ता दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक बदलाव को दर्शाती है साथ ही यह भी दिखाती है कि इनके बीच रक्षा सहयोग सही रास्ते पर है।

US Defence Secretary Jim Mattis- India TV Hindi US Defence Secretary Jim Mattis

वाशिंगटन: अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच हुई “बेहद सफल” पहली ‘टू प्लस टू’ वार्ता दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक बदलाव को दर्शाती है साथ ही यह भी दिखाती है कि इनके बीच रक्षा सहयोग सही रास्ते पर है। ​

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने छह सितंबर को नई दिल्ली में मैटिस और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के साथ यह महत्त्वपूर्ण बातचीत की। मैटिस ने पेंटागन में बताया कि पिछले हफ्ते मैं भारत गया था जिसे विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच बेहद सफल विचार-विमर्श माना जा सकता है। सुरक्षा के लिहाज से हमें करीब लाने वाले कई व्यावहारिक कदमों पर आगे बढ़ने के रास्ते खोलने में हमें वहां कोई परेशानी नहीं आई। 

मैटिस ने कहा कि यह बेहद सुखद यात्रा थी, यहां तक कि मैं कहूंगा कि ऐतिहासिक थी अगर आप इस लिहाज से देखेंगे कि हम इतने सालों से कहां पर थे और अब हम एकसाथ कितने करीब से करीब आते जा रहे हैं।” उन्होंने विशेष तौर पर कॉमकासा (संचार अनुकूलता और रक्षा समझौता) समझौते की तरफ इशारा किया जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इस समझौते ने “रक्षा सहयोग के लिहाज से” बहुत से दरवाजे खोल दिए हैं। 

मैटिस ने कहा कि मुमकिन है कि हम टू प्लस टू वार्ता की ओर मुड़कर देखेंगे जहां विदेश मंत्री पोम्पिओ ने वरिष्ठ राजनयिक के तौर पर दोनों का नेतृत्व किया। संभवत: यह भारत और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक बदलाव का क्षण था और एक ऐसा क्षण जिसे हम मानते हैं कि रक्षा सहयोग के लिहाज से यह बिलकुल सही रास्ते पर है। बाद में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी मैटिस के विचारों को दोहराया।

विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, “पिछले हफ्ते हुई टू प्लस टू वार्ता भारत-अमेरिका के संबंधों में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुई और अमेरिका एवं भारत के बीच गहराती रणनीतिक साझेदारी और क्षेत्र में असल सुरक्षा प्रदाता तथा वैश्विक शक्ति के तौर पर भारत के उभरने का संकेत थी।” 

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