पुतिन से मुलाकात करने वाले हैं जिनपिंग, क्या चीन कराएगा रूस-यूक्रेन जंग में सुलह? यूएस की बढ़ेगी टेंशन
रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग में यदि मुलाकात होती है तो इस पर पूरी दुनिया की नजर होगी। खासकर अमेरिका और नाटो देशों को यह मुलाकात काफी चुभने वाली होगी।
Putin-jinping Meeting: यूक्रेन और रूस की जंग के बीच चीन और रूस और करीब आ रहे हैं। दोनों के बीच करीबी अमेरिका की टेंशन बढ़ाने वाली है। रायटर की रिपोर्ट के अनुसार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने समकक्ष रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अगले सप्ताह मिलने की योजना बना रहे हैं। दोनों के बीच मुलाकात यदि होती है तो इस पर पूरी दुनिया की नजर होगी। खासकर अमेरिका और नाटो देशों को यह मुलाकात काफी चुभने वाली होगी।
यूएन में निष्पक्ष रहने वाला चीन खुलकर पुतिन के समर्थन में आएगा!
रायटर की रिपोर्ट के अनुसार चीनी राष्ट्रपति और उनके रूसी समकक्ष रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जल्द की मीटिंग होने वाली है। इस मीटिंग के कई मायने निकाले जा सकते हैं। अब तक तो यूएन में रूस के खिलाफ आने वाले प्रस्तावों पर भारत की तरह रूस ने वोटिंग में हिस्सा ने लेकर यह जता दिया कि वह किसी भी एक पक्ष का पक्षधर नहीं है। लेकिन हाल के समय में जब रूस और चीन के बीच करीबी बढ़ रही है, यह अमेरिका को नागवार गुजर रही है।
अमेरिका, नाटो यूक्रेन को कर रहे मदद, जिनपिंग के दौरे बदलेंगे समीकरण
अमेरिका और नाटो देश रूस से युद्ध में यूक्रेन को भारी मदद कर रहे हैं। धन और हथियार की मदद से यूक्रेन रूस को आंख दिखा रहा है। यदि जिनपिंग रूस का दौरा करके पुतिन से मुलाकात करते हैं तो स्वाभाविक है कि इस मुलाकात से अमेरिका को मिर्ची लगेगी। यदि इस मुलाकात में पुतिन और जिनपिंग अमेरिका के खिलाफ कोई नया प्रस्ताव लाते हैं या कोई नई रणनीति बनाते हैं तो यह चीन का रूस के पक्ष में खुलेआम समर्थन की तरह होगा। इससे विश्व की कूटनीति एकदम बदल सकती है। साथ ही आने वाले समय में एक बड़ी जंग या कहें तीसरे विश्व युद्ध की संभावना भी और बढ़ सकती है।
मुलाकात का दूसरा पहलू, यूक्रेन और रूस में सुलह करा सकता है चीन
इस मीटिंग का दूसरा पहलू यह भी है कि दुनिया में विस्तारवाद की नीति पर चलने वाला चीन अब दुनिया के झगड़े सुलझाने वाली 'दुनिया की नई पुलिस' बनना चाहता है। वह रूस और यूक्रेन में शांति मध्यस्थ भी बन सकता है। क्योंकि रायटर की यह रिपोर्ट चीन द्वारा यूक्रेन में शांति मध्यस्थ बनने की पेशकश के बाद आई है। हालांकि, इस प्रयास को पश्चिमी देशों द्वारा अच्छी तरह से स्वीकार किया गया है जिन्होंने रूस के साथ चीन के राजनयिक संबंधों पर हमेशा संदेह जताया है।
शिया देश ईरान और सुन्नी देश सऊदी अरब में दोस्ती करा चुका है चीन
रूस और यूक्रेन की जंग के बीच शांति और सुलह कराने की चीन की मंशा को इसलिए भी पूरी तरह संदेह से नहीं देखा जा सकता, क्योंकि हाल ही में दुनिया के दो बड़े मुस्लिम मुल्क ईरान और सउदी अरब के बीच दोस्ती कराई है। अरब दुनिया का सबसे अहम सुन्नी देश है, जबकि ईरान दुनिया का सबसे बड़ शिया देश है। दोनों विचारधारा के मुस्लिम देशों के बीच चीन में दोस्ती कराने में चीन की अहम भूमिका रही है। यानी जो काम अमेरिका नहीं कर पाया, वो चीन ने कर दिखाया। अब यूक्रेन और रूस की जंग के बीच सुलह कराने की चीन की पेशकश पर दुनिया की निगाहें टिकी रहेंगी।
पुतिन ने जिनपिंग को किया था आमंत्रित
रूस की तास समाचार एजेंसी की 30 जनवरी की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति पुतिन ने शी को वसंत ऋतु में देश की यात्रा के लिए आमंत्रित किया था। रॉयटर्स ने उल्लेख किया कि चीन के विदेश मंत्रालय ने शी की मॉस्को की संभावित यात्रा पर टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया। इसमें कहा गया है कि क्रेमलिन ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।