World Food Crisis: रूस और यूक्रेन ने शुक्रवार को तुर्की और संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के साथ अलग-अलग समझौते कर लाखों टन यूक्रेनी अनाज, रूसी खाद्यान्न और उवर्रक के निर्यात का रास्ता साफ कर दिया है। इसके साथ ही, दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा को लेकर बना गतिरोध समाप्त हो गया है। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और यूक्रेन के बुनियादी ढांचा मंत्री ओलेक्संद्र कुब्राकोव ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतारेस और तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकार के साथ इस सिलसिले में अलग-अलग समझौतों पर हस्ताक्षर किये।
दुनिया के लिए राहत की किरण
रूस और यूक्रेन के अलग-अलग समझौते पर दस्तखत के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतारेस ने कहा, ‘‘यह उम्मीद की, संभावना की, दुनिया के लिए राहत की किरण है जिसकी काफी जरूरत थी।’’ यह समझौता यूक्रेन को 2.2 करोड़ टन अनाज और दूसरे कृषि उत्पादों का निर्यात करने में सक्षम बनाएगा। यह अनाज युद्ध के चलते काला सागर के बंदरगाहों पर फंसा हुआ है।
खाद्यान्नों के निर्यात का खुलेगा रास्ता
गुतारेस ने कहा कि ‘काला सागर पहल’ नाम की यह योजना काला सागर के तीन बंदरगाहों (ओडेसा, चोरनोमोर्स्क और युझनी) से भारी मात्रा में वाणिज्यिक खाद्यान्नों के निर्यात का रास्ता खोलेगा। गुतारेस ने कहा, ‘‘यह वैश्विक स्तर पर खाद्यान्नों की कीमतों को स्थिर करने में मदद करेगा।’’ यूक्रेन विश्व में गेहूं, मक्का और सूरजमुखी के तेल के सबसे बड़े निर्यातकों में शामिल है।
वैश्विक खाद्य संकट के कारण 'तबाही' की चेतावनी
गौरतलब है कि करीब एक महीने पहले संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने चेतावनी दी थी कि वैश्विक खाद्य संकट के कारण विश्व ‘तबाही’ का सामना कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि यूक्रेन युद्ध ने जलवायु परिवर्तन, कोरोना वायरस महामारी और असमानता के कारण पनपी समस्याओं में ‘अभूतपूर्व वैश्विक खाद्यान्न संकट’ को और बढ़ाया है। खाद्यान्न संकट से पहले से ही लाखों लोग जूझ रहे हैं। उन्होंने बर्लिन में दर्जनों अमीर और विकासशील देशों के अधिकारियों को वीडियो संदेश में कहा, ‘‘यह वास्तविक जोखिम है कि 2022 में कई अकाल घोषित किए जाएंगे।’’ उन्होंने चेताया था कि 2023 और भी बुरा हो सकता है।
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