Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। इसी बीच दक्षिण पूर्वी यूक्रेन में स्थित यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र 'जापोरिज्जिया' पर फिलहाल रूस का कब्जा है। रूसी आर्मी ने युद्ध के शुरुआती दौर में ही इस परमाणु रिएक्टर पर कब्जा कर लिया था। इस रिएक्टर पर हमले की तैयारी को लेकर रूस और यूक्रेन दोनों देश ही एकदूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। यूक्रेन और रूस ने विश्व के सबसे बड़े परमाणु संयंत्रों में से एक पर हमले की तैयारी करने का बुधवार को एक-दूसरे पर आरोप लगाया, लेकिन दोनों पक्षों में से किसी ने भी इस होने वाले खतरे के अपने दावे के समर्थन में साक्ष्य नहीं मुहैया किया। यह परमाणु रिएक्टर दक्षिण पूर्व यूक्रेन में है और इस पर रूसी सैनिकों का कब्जा है। जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र उस वक्त से चर्चा के केंद्र में रहा है, जब रूसी सैनिकों ने यूक्रेन पर आक्रमण के शुरुआती दौर में ही इस पर कब्जा कर लिया था।
यूएन ने विकिरण निकलने की कई बार जताई है आशंका
पिछले एक साल में, संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था ने 1986 की चेर्नोबिल घटना की तरह संयंत्र से विकिरण की बार-बात आशंका जताई है। रूस और यूक्रेन, संयंत्र के आसपास गोलाबारी किये जाने का एक-दूसरे पर नियमित रूप से आरोप लगाते रहे हैं। यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि जापोरिज्जिया क्षेत्र के चारों ओर हाल में जारी कीव के पलटवार को कमजोर करने की कोशिश के तहत रूस जानबूझकर संयंत्र से विकिरण लीक करेगा।
जेलेंस्की का आरोप, रूसी सैनिकों ने रिएक्टर के शीर्ष पर रखा है विस्फोटक
हालिया खुफिया रिपोर्ट का जिक्र करते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमीर जेलेंस्की ने मंगलवार रात आरोप लगाया कि रूसी सैनिकों ने हमले के लिए कई विद्युत इकाइयों के शीर्ष पर विस्फोटक जैसी वस्तुएं रखी हैं। यूक्रेन के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के एक बयान के अनुसार, ये वस्तुएं परमाणु रिएक्टर की तीसरी और चौथी विद्युत इकाइयों के शीर्ष पर रखी गई हैं। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने अपने अधिकारियों को रूसी कब्जे वाले संयंत्र में तैनात किया है, जिसका संचालन अब भी यूक्रेनी कर्मचारी कर रहे हैं।
आईएईए ने हाल ही में किया था रिएक्टर का निरीक्षण
आईएईए के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने कहा कि 'उनकी एजेंसी के संयंत्र के हालिया निरीक्षण में कोई आपत्तिजनक गतिविधि नहीं पाई गई, लेकिन हम अत्यधिक सतर्कता बरत रहे हैं।’ रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने मास्को में संयंत्र के बारे में एक संवाददाता द्वारा पूछे जाने पर कहा, ‘स्थिति तनावपूर्ण है। कीव शासन द्वारा गड़बड़ी करने का एक बड़ा खतरा है, जिसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।’
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