Russia-Ukraine War: रूसी कब्जे वाले क्षेत्रों में करवाए जा रहे हैं जनमत संग्रह, आखिर इस कदम से पुतिन क्या करना चाहते हैं?
Russia-Ukraine War: यूक्रेन में रूस के कब्जे वाले इलाकों में मास्को द्वारा प्रायोजित जनमत संग्रह के बीच, रूसी सेनाओं ने शनिवार को यूक्रेन के शहरों पर ताजा हमले किये।
Highlights
- चुनाव में कोई भी आधुनिक मशीनों का प्रयोग नहीं किया जाएगा
- इस मतदान को लेकर यूक्रेन ने विरोध किया है
- रूस इसे अपने क्षेत्र पर हमला बताएगा
Russia-Ukraine War: यूक्रेन में रूस के कब्जे वाले इलाकों में मास्को द्वारा प्रायोजित जनमत संग्रह के बीच, रूसी सेनाओं ने शनिवार को यूक्रेन के शहरों पर ताजा हमले किये। जापोरिझिया के गवर्नर ओलेक्सांद्र स्तारुख ने कहा कि रूस ने दनिपर रिवर शहर को निशाना बनाया और एक मिसाइल एक अपार्टमेंट इमारत पर लगी जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। रूस की सेनाओं ने यूक्रेन के अन्य इलाकों को भी निशाना बनाया और आवासीय इमारतों पर हमले किये।
रूसी कमांडर छिपा रहे हैं अपनी नाकामी
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रूस ने उत्तरपूर्वी यूक्रेन में सिवरस्की दोनेट्स नदी पर बने पेचेनिहि बांध पर हमले किये। इससे पहले भी कृवि रिह के पास एक जलाशय पर बने बांध पर हमला किया गया था जिससे इनहुलेट्स नदी में बाढ़ आ गई थी। ब्रिटेन ने कहा, “यूक्रेन की सेनाएं दोनों नदियों के पास धारा की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।” मंत्रालय ने कहा, “रूस के कमांडर अपनी नाकामी को लेकर चिंतित हैं और वे बांधों के स्लुइस गेट को निशाना बना सकते हैं ताकि यूक्रेन की सेना के सामने बाढ़ की चुनौती पैदा कर सकें।”
रूसी कब्जे वाले क्षेत्रों में करवा रहा है जनमत संग्रह
इस बीच रूस के कब्जे वाले इलाकों में क्रेमलिन द्वारा प्रायोजित जनमत संग्रह जारी है जिसे यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगी देश फर्जी और अवैध करार दे रहे हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि मास्को, निवासियों के फैसले का स्वागत करेगा। यह इस बात का संकेत है कि जनमत संग्रह समाप्त होते ही क्रेमलिन तत्काल उन क्षेत्रों पर कब्जा स्थापित कर देगा। आपको बता दें कि रूस ने इसे पहले यूक्रेन पर हमला 2014 में किया था। उस समय भी रूस ने जनमत संग्रह करवाया था, जिसके बाद क्रिमिया वाले क्षेत्रों को अपने कब्जा में कर लिया था। अब फिर रूस 2014 के बाद लुहान्सक, डोनेट्स्क, दक्षिणी खेरसॉन और जापोरिजिया प्रांतो में मतदान जारी है ये मतदान 27 सितंबर तक जारी रहेगा। रूस पहले ही लुहान्स्क और डोनेट्स्क स्वतंत्र राज्य घोषित कर दिया है।
यूक्रेन ने इस जनमत की प्रक्रिया का किया विरोध
रूसी समाचार के मुताबिक, चुनाव को जल्द से जल्द खत्म करना है। इस चुनाव में कोई भी आधुनिक मशीनों का प्रयोग नहीं किया जाएगा। मशीन के जगह वोटिंग बैलेट पेपर से करवाया जाएगा। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, अधिकारी लोगों के घर-घर जाकर वोट लेंगे। इसके अलावा कुछ ही मतदान केंद्र बनवाया गया है। चार क्षेत्रों ते रूसी स्थापित नेताओं ने मंगलवार को अचानक मतदान शुरू करने का फैसला लिया। इस मतदान को लेकर यूक्रेन ने विरोध किया है। यूक्रेन के कुछ अधिकारियों ने बताया कि पुतिन अपने देश को ये करके दिखाना चाहते हैं कि रूस ने इस जंग में जीत हासिल कर ली है। अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि यूक्रेन इस जनमत संग्रह की प्रक्रिया को मान्यता नहीं देता है। वही इधर यूक्रेन ने उत्तरपूर्वी खार्किव में रूसी सैनिकों पर जवाबी कार्रवाई शुरू कर दिया है।
आखिर क्यों करवाया जा रहा जनमत संग्रह
लुहांस्क के क्षेत्रीय गवर्नर सेरही हैदाई ने यूक्रेन टीवी से बातचीत करते हुए बताया कि अगर यह सब रूस घोषित क्षेत्र हैं, तो वे घोषणा कर सकते हैं कि यह रूस पर सीधा हमला है। वहां के स्थानीय जानकारों का कहना है कि ये जनमत इसलिए करवाया जा रहा है ताकि जनमत के बाद इन चारों क्षेत्रों को रूस में विलय करने का घोषणा किया जाएगा। उसके बाद रूस इन एरिया से यूक्रेनी सैनिकों को बाहर निकाल सकें। अगर इस दौरान यूक्रेनी सैनिक हमला करेंगे तो रूस इसे अपने क्षेत्र पर हमला बताएगा।