Rishi Sunak: ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) को कंजरवेटिव पार्टी नेतृत्व के लिए मुकाबले में हराया और अब वह प्रधानमंत्री के तौर पर बोरिस जॉनसन का स्थान लेंगी। ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री होंगी। इसके साथ ही, 10 डाउनिंग स्ट्रीट में शीर्ष पद संभालने के लिए सुनक का ऐतिहासिक अभियान खत्म हो गया। चुनाव में 82.6 प्रतिशत वोटिंग हुई जिसमें सुनक को 60,399 वोट जबकि ट्रस को 81,326 वोट मिले।
कंजरवेटिव पार्टी के बैकबेंच सांसदों की 1922 समिति के अध्यक्ष और पार्टी के नेतृत्व संबंधी चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी सर ग्राहम ब्रैडी ने डाउनिंग स्ट्रीट के करीब महारानी एलिजाबेथ द्वितीय सम्मेलन केंद्र में औपचारिक रूप से ट्रस की जीत की घोषणा की। सर्वेक्षण संस्थानों, राजनीतिक विश्लेषकों और मीडिया संस्थानों को शायद ही कोई हैरानी हुई क्योंकि ट्रस चुनाव पूर्व कई सर्वेक्षणों में 42 वर्षीय सुनक से आगे रही थीं।
ऋषि सुनक क्यों हारे? जानें कारण
- ऋषि सुनक की हार का मुख्य कारण 'पत्नी अक्षता के पास ब्रिटेन की नागरिकता न होना' माना जा रहा है।
- कंजर्वेटिव पार्टी के ज्यादातर ब्रिटिश मेंबर्स अपने ही देश के नागरिक को प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे।
- कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य सुनक के कदम को प्रधानमंत्री जॉनसन के साथ विश्वासघात के तौर पर देख रहे थे और टैक्स में कटौती को लेकर ट्रस का संकल्प भी भारतवंशी सुनक की हार के मुख्य कारण रहे।
- ब्रिटेन में सुनक की छवि जॉनसन की गद्दी हथियाने वाले की बनी है। सुनक ने ही जॉनसन के खिलाफ इस्तीफा देकर बगावत शुरू की थी। कुछ दिन पहले बोरिस जॉनसन ने सुनक के खिलाफ ‘बैक एनीवन बट ऋषि’ नाम का सीक्रेट कैम्पेन भी शुरू किया था।
- ब्रिटेन में 15 लाख से अधिक प्रवासी आबादी का अब भी सुनक में विश्वास बना हुआ है लेकिन पार्टी में जिन लोगों का संबंध उपमहाद्वीप के अन्य हिस्सों से है, उनके विभाजित होने की आशंका थी।
- ब्रिटेन में जन्मे ऋषि सुनक यॉकशायर में रिचमंड से सांसद हैं। ट्रस ने अपने अभियान में वित्त मंत्री के तौर पर सुनक की कर वृद्धि की योजनाओं को पलटने का संकल्प जताया और लगता है कि पार्टी के सदस्यों ने उनकी योजनाओं को प्राथमिकता दी।
- सुनक का दृष्टिकोण बढ़ती महंगाई से निपटने पर ध्यान केंद्रित करने और संकट के लिए मदद की पेशकश करने के साथ लक्षित उपायों की पेशकश करना रहा। लेकिन लगता है कि अपने वादों से वह पार्टी के सदस्यों को अपनी ओर नहीं कर पाए।
- कैम्पेन के शुरुआती दौर में एक वीडियो सामने आया जिसमें आरोप लगा कि सुनक ने शहरी इलाकों के लोगों से कैम्पेन के लिए आर्थिक मदद ली। कहा गया कि पत्नी अक्षता तो ब्रिटिश क्वीन एलिजाबेथ से भी अमीर हैं। उनके पास 430 लाख पाउंड के एसेट्स हैं।
जानें, कौन हैं ऋषि सुनक
ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथेम्पटन में हुआ था। उनकी मां का नाम ऊषा सुनक और पिता का नाम यशवीर सुनक था। वह तीन भाई बहनों में सबसे बड़े हैं। उनके दादा-दादी पंजाब के रहने वाले थे। 1960 में वह अपने बच्चों के साथ पूर्वी अफ्रीका चले गए थे। बाद में यहीं से उनका परिवार इंग्लैंड शिफ्ट हो गया। तब से सुनक का पूरा परिवार इंग्लैंड में ही रहता है। ऋषि ने भारत के बड़े उद्योगपतियों में शुमार इंफोसिस के संस्थापक नारायणमूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से शादी की है। सुनक और अक्षता की दो बेटियां हैं। उनकी बेटियों के नाम अनुष्का सुनक और कृष्णा सुनक है।
ऋषि सुनक ने 2014 में पहली बार राजनीति में कदम रखा। 2015 में उन्होंने रिचमंड से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2017 में उन्होंने एक बार फिर जीत मिली। इसके बाद 13 फरवरी 2020 को उन्हें इंग्लैंड का वित्त मंत्री बनाया गया। इसी साल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर तमाम तरह के आरोप लगे तो ऋषि सुनक ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद लगातार जॉनसन कैबिनेट के कई मंत्रियों ने इस्तीफा दिया।
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