रूस के पड़ोसी और जिगरी दोस्त की भूमिका निभाने वाला बेलारूस इन दिनों विद्रोह की आग में जल रहा है। इससे देश में अशांति का माहौल कायम हो रहा है। रूस के जिगरी दोस्त के घर अशांति का यह आलम रूसी राष्ट्रपति पुतिन के लिए भी कतई शुभ संकेत नहीं है। यूक्रेन से युद्ध के खिलाफ बेलारूस खुलकर पुतिन के पक्ष में खड़ा रहा है। ऐसे में बेलारूस का अशांत होना रूस के लिए भी मुश्किलें बढ़ा सकता है। इसलिए बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने विद्रोहियों पर कार्रवाई को तेज कर दिया है। बेलारूस में विद्रोहियों के खिलाफ साल भर से जारी कार्रवाई को तेज कर दिया गया है और कई घरों में छापे मारने के साथ ही लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
देश में मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन ‘द विआस्ना’ ने यह जानकारी दी। संगठन ने बताया कि देश की राजधानी मिंस्क सहित अनेक शहरों में मकानों पर छापे मारे गए और इस दौरान 159 लोगों को हिरासत में लिया गया या उनसे पूछताछ की गई। इनमें जेल में बंद विद्रोहियों के रिश्तेदार, पत्रकार और अन्य शामिल हैं। बेलारूस के विपक्षी नेताओं ने लोगों को गिरफ्तार करने की इस कवायद को ‘‘देश के भीतर एकजुटता के लिए झटका’’ करार दिया है। विआस्ना के अनुसार बेलारूस में 1,419 राजनीतिक कैदी हैं।
राष्ट्रपति अलेक्जेंडर पर है चुनाव में धांधली का आरोप
बेलारूस में विद्रोह की आग वर्ष 2020 से ही जल रही है। राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको जब लगातार छाठवीं बार चुनाव जीते तो उन पर धांधली का आरोप लगा। इसके बाद से ही उनका विद्रोह तेज हो गया। बृहस्पतिवार और सप्ताह की शुरुआत में हिरासत में लिए गए लोगों में से कई ऐसे हैं जो जेल में बंद लोगों के परिवारों की मदद कर रहे थे। दरअसल देश के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने विद्रोहियों के खिलाफ अगस्त 2020 से कार्रवाई शुरू की थी। चुनाव में उन्हें छठी बार जीत मिलने के बाद विपक्ष ने आरोप लगाया था कि चुनावों में धांधली हुई है। (एपी)
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