Queen Elizabeth II: गुरुवार को महारानी एलिजाबेथ का निधन हो गया। इस मुश्किल घड़ी में उनके साथ परिवार के सभी सदस्य मौजूद थे। महारानी एलिजाबेथ से जुड़ी कई कहानियां है, जो सभी लोगों के जुबान पर हैं। लेकिन ये कहानी शायद ही आप जानते होंगे। एक ऐसा किस्सा है जो यूएई के सुल्तान सलमान से जुड़ी है। आपको बता दें कि उन दिनों क्राउन प्रिंस थे। तभी वो ब्रिटेन के दौरे पर गए थे। सऊदी अरब में जहां उन दिनों महिलाओं के पास गाड़ियां चलाने का अधिकार नहीं था। उन्हें बाहर भी जाना होता था तो घर का कोई आदमी साथ होना जरुरी था। इन सबके बावजूद प्रिंस को महारानी एक लंबे सैर पर ले गई, एलिजाबेथ खुद कार चला रही थी। ये देखकर प्रिंस काफी डर गए।
सुल्तान अचानक क्यों डर गए
1998 में क्राउन प्रिंस अब्दुल्ला महारानी एलिजाबेथ से मिलने स्कॉटलैंड के बालमोरल कैसल गए थे। सऊदी अरब में ब्रिटेन के राजदूत सर शेरर्ड काउपर-कोल्स ने इस घटना का जिक्र किया है। उस बैठक के दौरान रानी ने कहा था कि बालमोरल के मैदान काफी ही खुबसुरत है, आप वहां जरुर घुमने चलें। रानी खुद उन्हें अपने रॉयल लैंड रोवर मैदानी भाग का नाजारा दिखाने ले गई। प्रिंस रानी के बगल वाले सीट पर बैठे थे। रानी को कार तेज चलाते देख सुल्तान अवाक रह गए क्योंकि उस समय यूएई में महिलाओं का गाड़ी चलाना कानून अपराध माना जाता था।
क्यों कहा थोड़ा धीर करें कार?
रानी अपनी कार को पतली गलियों से तेज रफ्तार के साथ निकाल रही थी और इसके साथ ही साथ सुल्तान से बात भी कर रही थी। क्राउन प्रिंस ने रानी से गाड़ी की रफ्तार को कम करने के लिए अनुरोध किया। प्रिंस ने कहा कि हम आराम से बात कर लेंगे पहले आप अच्छे से पहले गाड़ी ड्राइव करें। सर शेरर्ड सऊदी अरब में ब्रिटेन के राजदूत सर शेरर्ड काउपर-कोल्स का मानना है कि क्राउन प्रिंस ने प्रचार करने के लिए गलत महिला को चुना। रानी को यह पसंद नहीं था कि कोई उसे बताए कि उसे क्या करना चाहिए
कोई उन्हें टोके नहीं था पसंद
ऐसा कहा जाता है कि महारानी कार चलाने में काफी निपूण थी। वह हमेशा ड्राइविंग सीट पर बैठना पसंद करती थीं। वो महिलाओं के लिए खुलकर बोलती थी। किसी तरह के विचारों से वो खुद को बांधकर नहीं रखती थीं। वो काफी खुले विचार की थी। उन्हें ये पसंद नहीं था कि कोई किसी महिला को बताए कि क्या करना है क्या नहीं। महारानी एलिजाबेथ के निधन पर अरब देशों ने भी श्रद्धांजलि दी है। इसी साल जून में सऊदी अरब के सुल्तान अब्दुल्ला और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने महारानी को 70 साल के शासन पूरे होने पर बधाई दी। आपको बता दें कि दोनों परिवारों के बीच काफी मधुर संबंध रहे हैं। महारानी के अधीन सऊदी सरकार के मुखिया चार बार बकिंघम पैलेस जा चुके हैं।
सुल्तान का ब्रिटिश राजकीय सम्मान से स्वागत
सुल्तान फैसल सऊदी शाही शासन से मई 1967 में आठ दिवसीय यात्रा पर लंदन जाने वाले पहले व्यक्ति थे। यहां उनका पूरे ब्रिटिश राजकीय सम्मान के साथ स्वागत किया गया। महारानी के अलावा फैसल ने शाही परिवार के अन्य सदस्यों, तत्कालीन ब्रिटिश पीएम हेरोल्ड विल्सन और कुछ अन्य राजनेताओं से मुलाकात की थी। इसके बाद वे महारानी और प्रिंस फिलिप के साथ एक खुली गाड़ी में बकिंघम पैलेस गए।
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