Volodymyr Zelenskyy: यूक्रेन और रूस के बीच जंग जारी है। इसी बीच एक बड़ी खबर है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की कार का एक्सीडेंट हो गया है। हादसे में वे घायल हो गए। हालांकि कोई गंभीर रूप से घायल होने की खबर नहीं है। यह जानकारी जेलेंस्की के प्रवक्ता ने दी। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के प्रवक्ता सेरही न्याकिफोरोव ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर बताया कि एक कार राष्ट्रपति की कार और मोटरसाइकिल से टकरा गई। उधर, एक प्रमुख यूक्रेनी समाचार पोर्टल के अनुसार, दुर्घटना के बाद डॉक्टर ने जेलेंस्की की जांच की। जांच के बाद बताया कि वह गंभीर रूप से घायल नहीं हैं। डॉक्टरों ने जेलेंस्की के साथ ड्राइवर को भी चिकित्सा सहायता दी और उन्हें एक एम्बुलेंस में स्थानांतरित कर दिया।
जेलेंस्की ने जंग के बीच बातचीत का खुला रखा विकल्प
गौरतलब है कि रूस ने यूक्रेन की जंग के बीच जेलेंस्की ने रूस पर लगातार हमले बोले हैं। वे कह चुके हैं कि रूस के हमले कैसे भी हों, वे झुकेंगे नहीं। हालांकि बातचीत का विकल्प हमेशा खुला है। हाल ही में याल्टा यूरोपीय रणनीति की वार्षिक बैठक के दौरान पैनल चर्चा में यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की ने जोर देकर कहा कि रूस के साथ युद्ध के अंत को लेकर बातचीत करना असंभव है। क्योंकि वह अपनी स्थिति बताने में विफल रहा है। उनका कहना था कि ‘हम युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं, लेकिन हमारी परिस्थितियां और क्षमताएं बदल गई हैं। हमारे लोग आतंकवादियों के साथ बातचीत नहीं करना चाहते हैं। हालांकि अगर वह चाहें तो कोई उनसे संवाद कर सकता है, क्योंकि कम से कम ये पता चलेगा कि वे क्या चाहते हैं।‘
रूस पर जेलेंस्की को भरोसा नहीं
जेलेंस्की ने इस बात पर जोर दिया कि इस बात का कोई भरोसा नहीं है कि रूसी पक्ष अपने द्वारा किए गए किसी भी वादे को पूरा करेगा। उन्होंने कहा ‘मुझे लगता है कि वे नहीं करेंगे। कोई भी विश्वास नहीं करता कि वे करेंगे। आप उनके साथ सौदा नहीं करना चाहेंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि इससे पहले कि रूसी संघ के साथ राजनयिक वार्ता संभव हो, रूसी सेना को यूक्रेन से हटना होगा और रूस को आतंकवादी की तरह व्यवहार करना बंद करना होगा।
हमारी जमीन लौटाए रूसः जेलेंस्की
जेलेंस्की ने रूस से जंग के बीच कई मौकों पर बातचीत का रास्ता खुले रखने की हिमायत की है। हालांकि उन्होंने इस पर किसी शर्त को मानने से इंकार किया हैै। बैठक में उन्होंने कहा कि रूस को हमारी जमीनों और शहरों को लौटाना होगा। इसके बाद ही उनसे कोई बातचीत संभव है। उन्होंने कहा कि हमें रूस के साथ राजनयिक संचार का एक चैनल खोलने के लिए ‘रूसी नेताओं को अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करना चाहिए कि वे उस भूमि को वापस देने के लिए तैयार हैं जो उनकी नहीं है। तब हम बातचीत शुरू कर सकते हैं। मगर इसके लिए रूस के अन्य राजनेताओं को आगे आना चाहिए। तभी राजनियक बातचीत के विकल्प को खोला जा सकता है।‘
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