Russia-Ukraine War Update:यूक्रेन के चार बड़े क्षेत्रों को रूस में विलय करने के बाद पुतिन अब युद्ध को और आगे नहीं बढ़ाना चाहते। जाहिर है कि यूक्रेन के अन्य क्षेत्रों से धीरे-धीरे वह अपनी सेना वापस बुला सकते हैं। द्वितीय विश्व के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब यूरोप में किसी एक देश ने दूसरे देश के बड़े भूभाग पर कब्जा कर लिया है। खेरसोन, जापोरिज्जिया, दोनेत्स्क और लुहांस्क पर कब्जे के बाद अब यूक्रेन के करीब 15 फीसद भाग पर रूस का अधिकार हो गया है। पुतिन के इस फैसले को अवैध बताते हुए यूक्रेन ने नाटो की सदस्यता के लिए आधिकारिक रूप से आवेदन कर दिया है। वहीं पश्चिमी देश भी रूस पर भड़क गए हैं।
रूस पर भड़के अमेरिका, नाटो और यूएन
रूस के खिलाफ यूएन में निंदा प्रस्ताव भले ही पुतिन के वीटो पॉवर से खारिज हो गया हो, लेकिन अमेरिका समेत, फ्रांस, यूएएन और नाटो देश पुतिन पर भड़क गए हैं। क्रेमलिन के रेफ्रेंडम को भी यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों ने फर्जी और अवैध करार दिया है। नाटो के महासचिव जेंस स्टाल्टनबर्ग ने कहा कि यूक्रेन की स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए नाटो अपना समर्थन अभी भी दोहरा रहा है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों ने कहा कि पुतिन का यह कदम अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुल्ला उल्लंघन है। यह यूक्रेन की संप्रभुता के साथ जबरदस्ती है। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भी यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से इस घटना के बाद फोन पर बातचीत की है। किशिदा ने पुतिन के इस कदम को गैरकानूनी बताया है। वहीं संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटरेस इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करार दिया है।
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रूस ने दिया पश्चिमी देशों के विरोध का ऐसा जवाब- "तुमने भारत को लूटा था"
रूस के विदेश मंत्रालय ने यूएन समेत अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के विरोध का कड़ा जवाब दिया है। रूस ने एंटोनियो गुटरेस पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन के क्षेत्रों को रूस में मिलाने के पश्चिमी देशों के विरोध में कहा कि तुमने तो भारत जैसे देश को लूटा था। वह भी सच्चाई स्वतंत्रता और न्याय की कीमत पर। पश्चिमी देशों पर मध्यकाल से उपनिवेशवादी नीति शुरू करने और गुलामों का व्यापार करने का आरोप लगाया। कहा कि भारत और अफ्रीका जैसे देशों को लूटने के बाद यहां के मूल निवासियों की अमेरिका में हत्या भी की गई। पश्चिम देश अन्य देशों में हमेशा सत्ता विरोधी आंदोलन को हवा देते हैं। ताकि सरकारें गिरा दी जाएं।
अमेरिका ने रूस पर लगाए नए प्रतिबंध
यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर पुतिन की सेना द्वारा कब्जे के बाद अमेरिका ने रूस पर कई नए और कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका ने रूस के सैकड़ों औद्योगिक प्रतिष्ठानों, कंपनियों, रूसी नागरिकों और विधायिका के सदस्यों तक को प्रतिबंधित कर दिया है। अमेरिका ने सेंट्रल बैंक आफ रशिया की गवर्नर एल्विरा नाबिउलिना, उपप्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक, संसद के 109 सदस्य, संघीय परिषद समेत उसके 169 सदस्यों पर प्रतिबंध लगाया है। इधर ब्रिटेन ने भी एल्विरा पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करते हुए उनकी संपत्तियों को फ्रीज कर दिया है।
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अमेरिका ने रूस से अपने नागरिकों को वापस बुलाया
यूक्रेन के चार क्षेत्रों को रूस में मिलाने का अमेरिका ने कड़ा विरोध किया है। अमेरिका के वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने पुतिन पर धोखाधड़ी करके यूक्रेन के चार क्षेत्रों को रूस में मिलाने का आरोप लगाया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यूक्रेन की सीमा बदलने के रूस के प्रयासों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। साथ ही अमेरिका ने दूतावास में रह रहे अपने नागरिकों को तत्काल प्रभाव से वापस आने को कहा है।
यूक्रेन ने लगाया बंदूक की नोक पर रेफ्रेंडम का आरोप
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने खेरसोन, जापोरिज्जिया, दोनेत्स्क और लुहांस्क के रेफ्रेंडम को फर्जी और बंदूक की नोक पर लिया गया बताया है। पश्चिमी देशों ने भी इस मतदान प्रक्रिया को नकली और नाजायज करार दिया है। वहीं चारों क्षेत्रों को रूस में मिलाने के बाद राष्ट्रपति पुतिन ने इस क्षेत्र की हर तरह से रक्षा करने की सौगंध खाई है। रूस के अनुसार 99 फीसद लोगों ने रेफ्रेंडम में रूस के साथ रहने का समर्थन किया था। पुतिन ने कहा कि इन क्षेत्रों के लाखों लोग चाहते थे कि वह रूस के साथ रहें।
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