मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूस की प्रमुख सुरक्षा मांगों की अनदेखी की है। यूक्रेन पर पश्चिमी देशों के साथ गतिरोध पर एक महीने से अधिक समय में अपनी पहली टिप्पणी में पुतिन ने कहा कि क्रेमलिन अभी भी रूसी सुरक्षा मांगों पर अमेरिका और नाटो के जवाब का अध्ययन कर रहा है, जो उन्हें पिछले सप्ताह मिला था। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि पश्चिमी देशों ने रूस की इन मांगों को नजरअंदाज कर दिया है कि नाटो यूक्रेन और अन्य पूर्व-सोवियत देशों तक अपना विस्तार नहीं करेगा और रूस की सीमा के नजदीक आक्रामक हथियार तैनात नहीं करेगा। पुतिन ने कहा कि वह तनाव कम करने के लिए और भी बातचीत करने को तैयार हैं।
बता दें कि अमेरिका और नाटो ने 26 जनवरी को सुरक्षा की गारंटी पर रूस को लिखित रूप से जवाब दिया था। हालांकि रूसी अधिकारियों ने कहा था कि रूस इस जवाब से संतुष्ट नहीं है। रूसी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट ने 26 जनवरी को घोषणा की कि रूसी उप विदेश मंत्री अलेक्जेंडर ग्रश्को ने उस रात रूस स्थित अमेरिकी राजदूत जान सुलीवन से मुलाकात की। सुलिवन ने रूस को कुछ समय पहले रूस द्वारा प्रस्तुत द्विपक्षीय सुरक्षा गारंटी समझौते के मसौदे के बारे में अमेरिकी सरकार का लिखित उत्तर हस्तांतरित किया।
दरअसल, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने उसी दिन कहा कि अमेरिका ने लिखित दस्तावेज में राजनयिक माध्यमों से यूक्रेन मुद्दे को हल करने के लिए एक समाधान प्रदान किया। उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि रूस की कार्रवाई से अमेरिका और उसके दोस्तों की सुरक्षा को नुकसान पहुंचता है। अमेरिका के लिखित उत्तर के बारे में रूसी संघीय परिषद (संसद के ऊपरी सदन ) की अंतर्राष्ट्रीय मामलों की समिति के पहले उपाध्यक्ष ज़ाबारोव ने कहा था कि अमेरिका के जवाब से रूस संतुष्ट नहीं है और रूस इसे स्वीकार नहीं करेगा। उधर, रूसी मीडिया के अनुसार, उसी दिन नाटो ने भी बेल्जियम स्थित रूस के दूतावास से सुरक्षा गारंटी पर रूस को लिखित उत्तर दिया।
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