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दुनिया की मुश्किलों में मददगार बन रहे भारत पर बढ़ा UN का भरोसा, इस भारतीय को बनाया आपदा जोखिम प्रतिनिधि

दुनिया पर अचानक आने वाली आपदा में भारत विश्व का सबसे बड़ा मददगार बनकर उभरा है। संयुक्त राष्ट्र भी भारत की इस विशेषता का कायल हो चुका है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने महामारी से लेकर युद्ध तक और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में दुनिया के कई देशों की निःस्वार्थ मदद की है। लिहाजा यूएन ने एक भारतीय को अपना प्रतिनिधि बनाया है।

संयुक्त राष्ट्र (प्रतीकात्मक)- India TV Hindi Image Source : AP संयुक्त राष्ट्र (प्रतीकात्मक)

संयुक्त राष्ट्रः भारत की छवि दुनिया में मुश्किलों के सबसे बड़े मददगार के तौर पर उभरी है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक संकटों के समय जिस तेजी के साथ दुनिया की मदद करने में हमेशा आगे रहने का का साहस दिखाया है, उसका संयुक्त राष्ट्र भी कायल हो चुका है। फिर चाहे बात कोविड आपदा के वक्त कोरोना की वैक्सीन दुनिया के विभिन्न देशों को मुफ्त में देने की बात रही हो या फिर तुर्की में आए भूकंप, नेपाल जैसे देशों में आए भूकंप पीड़ितों की मदद का मामला रहा हो और चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर इजरायल-हमास युद्ध पीड़ितों को मानवीय सहायता पहुंचाने की बात रही है। भारत ने हमेशा मानवीयता को सर्वोपरि रखा है। इसीलिए संयुक्त राष्ट्र का भरोसा भारत पर बढ़ गया है।

लिहाजा भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के एक शीर्ष अधिकारी को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए अपना विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया है। महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने दैनिक प्रेस वार्ता में बुधवार को कहा कि कमल किशोर (55) को ‘आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय’ (यूएनडीआरआर) में महासचिव का सहायक और विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है। एनडीएमए में किशोर जिस पद पर हैं वह भारत सरकार के सचिव स्तर का है। वह यूएनडीआरआर में जापान की मामी मिज़ुतोरी का स्थान लेंगे।

जी-20 कार्य समूह में आपदा जोखिम का किशोर ने किया था नेतृत्व

भारत के जी20 का अध्यक्ष रहने के दौरान किशोर ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर जी20 कार्य समूह का नेतृत्व किया था। उन्होंने 2019 में जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा गठबंधन के विकास में भी योगदान दिया था। दुजारिक ने कहा कि किशोर के पास वैश्विक, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण, जलवायु कार्रवाई और सतत विकास में सरकार, संयुक्त राष्ट्र और नागरिक समाज संगठनों में काम करने का तीन दशकों का अनुभव है।

एनडीएमए में शामिल होने से पहले, किशोर ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के लिए जिनेवा, दिल्ली और न्यूयॉर्क में लगभग 13 साल काम किया। किशोर ने थाईलैंड के बैंकॉक स्थित एशियाई प्रौद्योगिकी संस्थान से शहरी नियोजन, भूमि और आवास विकास में ‘मास्टर ऑफ साइंस’ और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूड़की से वास्तुकला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। (भाषा) 

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