इजरायल-ईरान में भीषण जंग छिड़ने की आशंका पर UN का बड़ा बयान, कहा-"दुनिया अब एक और युद्ध बर्दाश्त नहीं कर सकती"
इजरायल पर ईरान के हमले ने दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका को बहुत बढ़ा दिया है। इससे पूरे मध्य-पूर्व एशिया में जंग छिड़ने का खतरा भी बढ़ गया है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील करते हुए कहा है कि दुनिया अब एक और युद्ध बर्दाश्त नहीं कर सकती।
संयुक्त राष्ट्रः इजरायल पर ईरान के हमले के बाद दोनों देशों में युद्ध की आशंका प्रबल हो गई है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र का बड़ा बयान सामने आया है। महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने ईरान द्वारा इजराइल पर किये गए हमले के कारण तनाव में गंभीर बढ़ोतरी की कड़ी निंदा की और आगाह किया कि न तो क्षेत्र और न ही दुनिया एक और युद्ध बर्दाश्त कर सकती है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने सभी पक्षों से ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचने के लिए अधिकतम संयम बरतने का आग्रह किया, जिससे पश्चिम एशिया में कई मोर्चों पर बड़े सैन्य टकराव छिड़ सकते हैं।
गुटरेस ने शनिवार को एक बयान में कहा, ‘‘आज शाम इस्लामी गणराज्य ईरान द्वारा इजराइल पर बड़े पैमाने पर किए गए हमलों की वजह से तनाव में गंभीर बढ़ोतरी की मैं कड़ी निंदा करता हूं। मैं शत्रुता को तत्काल समाप्त करने का आह्वान करता हूं।” उन्होंने कहा कि वह तनाव के पूरे क्षेत्र में फैलने और इसके वास्तविक खतरे को लेकर बहुत चिंतित हैं। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, “मैंने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि न तो क्षेत्र और न ही दुनिया एक और युद्ध बर्दाश्त कर सकती है।
ईरान ने कहा कि आत्मरक्षा के अधिकार के तहत इजरायल पर किया हमला
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी मिशन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक पत्र के जरिए सूचित किया है कि ईरान ने 13 अप्रैल की देर रात इजरायल के सैन्य ठिकानों पर सैन्य हमले किए हैं। ईरानी मिशन ने कहा कि ईरान ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत आत्मरक्षा के अधिकार के तहत यह कार्रवाई की है जो इजरायली सैन्य आक्रामकता के जवाब में है, खासकर एक अप्रैल को सीरिया के दमिश्क में ईरानी राजनयिक परिसरों पर इज़रायल के हमले की प्रतिक्रिया में है। ईरानी मिशन ने कहा, “अफसोस की बात है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के अपने कर्तव्य में विफल रही है, जिससे इजरायली शासन को अंतरराष्ट्रीय कानून के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन करने की अनुमति मिल गई है। इस तरह के उल्लंघनों ने क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है और क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।” इसमें कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर ईरान आत्मरक्षा के अपने अंतर्निहित अधिकार का प्रयोग करने में संकोच नहीं करेगा।
ईरान ने कहा इजरायल ने दोबारा हमला किया तो होगा बहुत गलत
ईरानी मिशन ने कहा कि अगर इजरायल सरकार ने फिर से सैन्य आक्रामकता दिखायी तो ईरान का जवाब निश्चित रूप से बहुत कड़ा होगा। ईरानी मिशन ने कहा, “इजरायली शासन द्वारा किसी भी अन्य सैन्य उकसावे को लेकर चेतावनी देते हुए ईरान किसी भी खतरे या आक्रामकता के खिलाफ अपने लोगों, राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और ऐसे धमकी या आक्रामकता का अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार कड़ाई से जवाब देने के अपने अटूट दृढ़ संकल्प को दोहराता है।” स्थिति पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद रविवार शाम को बैठक करेगी।
पश्चिम एसिया में हालात हुए नाजुक
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने भी पश्चिम में बदलते हालात पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हाल में हुए इजराइली हमले के बाद ईरान ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के संदर्भ में अपनी कार्रवाई को स्पष्ट किया है। फ्रांसिस कहा, "ईरानी प्रतिक्रिया ने पश्चिम एशिया में पहले से ही तनावपूर्ण और शांति एवं सुरक्षा की नाजुक स्थिति को और खराब कर दिया है।" फ्रांसिस ने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ने से रोकने के लिए सभी पक्षों से अत्यधिक संयम बरतने का आह्वान किया। (भाषा)