यूक्रेनी राष्ट्रपति की अब तक हो जाती हत्या! मगर इस नेता ने पुतिन से करा लिया "जेलेंस्की" को नहीं मारने का वादा
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की तक क्या रूस अबतक पहुंच नहीं पाया है या फिर वह अपनी बदौलत जीवित बचे हैं और रूस को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं?..यह सवाल अक्सर हर किसी के जेहन में आता होगा। मगर एक नेता के इस दावे के बारे में जानकर आपको हैरानी होगी कि पिछले वर्ष ही राष्ट्रपति जेलेंस्की की हत्या हो गई होती।
Russia_Ukraine War: यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की तक क्या रूस अबतक पहुंच नहीं पाया है या फिर वह अपनी बदौलत जीवित बचे हैं और रूस को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं?..यह सवाल अक्सर हर किसी के जेहन में आता होगा। मगर एक नेता के इस दावे के बारे में जानकर आपको हैरानी होगी कि पिछले वर्ष ही राष्ट्रपति जेलेंस्की की हत्या हो गई होती, मगर वह कुछ विशेष वजहों से जीवित हैं। यानि कि जेलेंस्की को जीने का अभय वरदान मिल चुका है। यह वरदान उन्हें और कोई नहीं, बल्कि कट्टर दुश्मन देश के राष्ट्रपति पुतिन ने दिया है। अब आप हैरत में पड़ गए होंगे कि कोई भला अपने दुश्मन को नहीं मारने का अभय वरदान कैसे दे सकता है?...आपका सवाल वाजिब है। मगर जेलेंस्की को पुतिन द्वारा अभय वरदान दिए जाने की बात सच है। यह बात हम नहीं कह रहे, बल्कि इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने कहा है।
बेनेट का दावा है कि पुतिन जेलेंस्की को नहीं मारेंगे। इसके लिए उन्होंने एक वादा कर लिया है। बेनेट को भरोसा है कि पुतिन अपना वादा नहीं तोड़ेंगे। अब सवाल उठता है कि क्या यह बात वाकई सच है, जिसकी वजह से अब तक जेलेंस्की जिंदा हैं, क्या पुतिन ने जानबूझकर जेलेंस्की को जिंदा छोड़ दिया है, अगर पुतिन ने बेनेट से जेलेंस्की को मारने का वादा नहीं कर लिया होता तो अब तक उनकी हत्या हो गई होती?...इत्यादि ऐसे कई सवाल हैं, जो बेनेट के दावे के बाद स्वतः उठ खड़े हुए हैं।
रूस क्या जेलेंस्की को वाकई नहीं मारेगा
अब आप भी हैरान हो रहे होंगे कि जो रूस यूक्रेन पर कई बार परमाणु बम गिराने की बात कह चुका है और अभी भी परमाणु हमले का खतरा बना हुआ है। दुनिया आशंकित है कि पुतिन न जाने कब यूक्रेन पर परमाणु हमले का बटन दबा दें। ...क्या वही पुतिन जेलेंस्की की जान को बख्श सकते हैं। अगर हां तो इसकी वजह क्या है। यह सब आपको बताएंगे। मगर पुतिन के इस बड़े वादे से अब जेलेंस्की भी राहत महसूस कर रहे होंगे। करीब 1 वर्ष तक के भीषण युद्ध में यूक्रेन को बमों और मिसाइलों के घातक प्रहार से खंडहर बना देने वाले रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि वह "जेलेंस्की को नहीं मारेंगे"। आखिर पुतिन ने जेलेंस्की को यह अभय वरदान क्यों दिया, ऐसी क्या वजह थी, जिससे कि पुतिन को यह वादा करना पड़ा?...आइए इस वादे के पीछे की पूरी कहानी आपको बताते हैं।
यूक्रेन पर पहले अटैक के बाद ही करवा लिया था पुतिन से वादा
इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट को तो आप जानते ही होंगे। वह पुतिन के अच्छे मित्रों में हैं। रूस ने फरवरी 2022 में जब यूक्रेन पर पहला हमला किया था तो बेनेट इजरायल के प्रधानमंत्री थे। उसी दौरान उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता का काम शुरू कर दिया था। इस दौरान बेनेट ने पुतिन से एक बड़ा वादा करवा लिया था। यह दावा स्वयं बेनेट ने किया है। उनका कहना है कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से वादा लिया था कि वह अपने यूक्रेनी समकक्ष वोलोदिमीर जेलेंस्की को नहीं मारेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री बेनेट युद्ध के शुरुआती हफ्तों में अप्रत्याशित रूप से दोनों देशों के मध्यस्थ बन गए थे और उन कुछ गिने-चुने पश्चिमी नेताओं में से थे जिन्होंने युद्ध के दौरान पिछले साल मार्च में पुतिन से मुलाकात की थी। मगर दुर्भाग्य यह रहा कि बेनेट की कोशिश बहुत सफल नहीं हो सकी थी और युद्ध रुक नहीं सका।
पुतिन ने बेनेट से क्या कहा था
बेनेट ने बताया है कि उन्होंने पुतिन से सीधे पूछा कि क्या उनकी मंशा जेलेंस्की की हत्या करने की है। इस पर पुतिन नेकहा कि "वह जेलेंस्की को नहीं मारेंगे।" तब मैंने कहा कि जहां तक मैं समझ रहा हूं कि आप वादा कर रहे हैं कि जेलेंस्की को नहीं मारेंगे, तो उन्होंने कहा कि मैं जेलेंस्की को मारने नहीं जा रहा।’’ इसके बाद मैंने जेलेंस्की को पुतिन के वादे के बात बताई। बेनेट ने जेलेंस्की से हुई बात को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘मैंने कहा, सुनो मैं बैठक से बाहर आया हूं वह तुम्हें मारने नहीं जा रहे हैं। इस पर जेलेंस्की ने पूछा कि क्या वह इस पर निश्चित हैं तो मैंने कहा कि शत प्रतिशत वह आपको नहीं मारेंगे।’’ उन्होंने कहा कि उनकी मध्यस्थता के दौरान पुतिन ने अपने संकल्प के बारे में बताया कि वह यूक्रेन का निरस्त्रीकरण और जेलेंस्की का नाटो में शामिल न होने का वादा चाहते हैं।
यह भी पढ़ें...
माइनस 42 डिग्री सेल्सियस तापमान में कांपा पूर्वोत्तर अमेरिका, बर्फीले तूफान के कहर से जीना मुहाल