Ukraine War: दुनिया के इन 9 देशों ने सीधे दी चेतावनी, यूक्रेन को बढ़ चढ़कर देना चाहते हैं सैन्य मदद, NATO मेंबरशिप का किया समर्थन, यहां देखिए लिस्ट
Ukraine War: मध्य और पूर्वी यूरोप के नौ देशों को डर है कि यूक्रेन के बाद रूस उन्हें अपना निशाना बना सकता है। उन्होंने यूक्रेन के क्षेत्रों को रूस में मिलाए जाने का जवाब देने का अनुरोध किया है। नाटो की सदस्यता के लिए सभी 30 देशों की मंजूरी मिलनी आवश्यक है।
Highlights
- यूक्रेन ने नाटो सदस्यता के लिए आवेदन किया
- 9 देशों ने यूक्रेन को मदद देने की अपील की
- सभी ने यूक्रेन की नाटो सदस्यता का समर्थन किया
Ukraine War: उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के नौ यूरोपीय सदस्य देशों ने रविवार को संयुक्त बयान जारी कर यूक्रेन को सदस्यता देने का समर्थन किया। उन्होंने सभी 30 सदस्य देशों से बढ़-चढ़कर यूक्रेन की सैन्य मदद करने की भी अपील की। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने देश को तत्काल नाटो की सदस्यता देने का अनुरोध किया था। उन्होंने यूक्रेन के चार क्षेत्रों को रूस में मिलाए जाने के बाद यह मांग की। नाटो की सदस्यता के लिए सभी 30 देशों की मंजूरी मिलनी आवश्यक है और यूक्रेन को जल्द ही संगठन की सदस्यता मिलने की संभावना नहीं है।
नौ देशों को अपनी सुरक्षा का डर
मध्य और पूर्वी यूरोप के नौ देशों को डर है कि यूक्रेन के बाद रूस उन्हें अपना निशाना बना सकता है। उन्होंने यूक्रेन के क्षेत्रों को रूस में मिलाए जाने का जवाब देने का अनुरोध किया है। चेक गणराज्य, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, उत्तरी मकदूनिया, मॉन्टेनीग्रो, पोलैंड, रोमानिया और स्लोवाकिया के नेताओं ने रविवार को अपनी-अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है, “हम रूस के आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन के बचाव में उसका समर्थन करते हैं। मांग करते हैं (कि रूस) सभी कब्जे वाले क्षेत्रों से तुरंत वापस करे। सभी सदस्य देश बढ़-चढ़कर यूक्रेन की सैन्य मदद करें।”
बयान में कहा गया है कि नेता “भविष्य में यूक्रेन को सदस्यता देने से संबंधित 2008 के बुखारेस्ट नाटो शिखर सम्मेलन के फैसले का पुरजोर समर्थन करते हैं।” दरअसल यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने आधिकारिक तौर पर नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन किया है। उन्होंने ये कदम तब उठाया, जब रूस ने यूक्रेन के चार और क्षेत्रों को आधिकारिक तौर पर अपना बनाने की घोषणा की है। इससे पहले उसने 2014 में क्रीमिया पर कब्जा किया था।
पुतिन ने एक संधि पर किए हस्ताक्षर
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों को औपचारिक रूप से रूसी संघ में शामिल करने के लिए एक संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। यूक्रेन के कब्जे वाले हिस्सों के विलय की घोषणा के लिए मॉस्को के भव्य सेंट जॉर्ज हॉल में क्रेमलिन द्वारा आयोजित समारोह में पुतिन ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इन क्षेत्रों को रूस में शामिल करना “लाखों लोगों की पंसद है“ जिनका रूसी संघ के साथ साझा इतिहास रहा है। दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया को रूस में शामिल करने की घोषणा की गई है।
पुतिन ने कहा, “हम कीव के सत्ताधारियों से शत्रुता को तुरंत समाप्त करने, उस युद्ध को समाप्त करने का आह्वान करते हैं, जिसे उन्होंने 2014 में वापस शुरू किया था। हम उनसे बातचीत दोबारा शुरू करने की अपील करते हैं। हम इसके लिए तैयार हैं।” उन्होंने कहा, 'लेकिन हम दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया में लोगों की पसंद पर चर्चा नहीं करेंगे। रूस उनके साथ विश्वासघात नहीं करेगा।' रूसी राष्ट्रपति ने जो स्पष्ट नहीं किया, वह यह है कि ये नवनिर्मित तथाकथित रूसी क्षेत्र वास्तव में किसका प्रतिनिधित्व करते हैं।
हमले से पहले ही गणराज्य घोषित किया
गौरतलब है कि यूक्रेन पर फरवरी में हमला शुरू करने से एक दिन पहले पुतिन ने डोनबास क्षेत्र के दोनेत्स्क और लुहांस्क को गणराज्य घोषित कर दिया था। मौजूदा समय में यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र के स्थल जापोरिज्जिया के आसपास समेत सभी चार क्षेत्रों में भयंकर लड़ाई जारी है। एक अनुमान के मुताबिक 40 हजार वर्ग मील में फैले यह चारों प्रांत यूक्रेन के कुल क्षेत्रफल का करीब 15 प्रतिशत हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी सैनिकों ने जापोरिज्जिया में आम लोगों के एक काफिले को निशाना बनाकर हमला किया, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई है। रूस ने इसके लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया है।
दोनेत्स्क क्षेत्र के प्रमुख शहर लाइमन के आसपास भी भारी लड़ाई चल रही है, जहां यूक्रेनी सेना द्वारा बड़ी संख्या में रूसी सैनिकों को घेरने की सूचना है। पुतिन ने कहा कि चारों प्रांतों के नागरिक 'हमेशा के लिए' रूस का हिस्सा रहेंगे। उनके मुताबिक पश्चिमी देशों की रूस को “उपनिवेश” और “गुलामों की भीड़” में बदलने की योजना है। पुतिन ने कहा कि रूस हर संभव तरीकों का इस्तेमाल कर इन प्रांतों की रक्षा करेगा। पुतिन के इस बयान को परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की धमकी के रूप में देखा जा रहा है।