रूस संग जंग लड़ने के लिए यूक्रेन ने ‘बहादुरी’ को बनाया अपना सबसे बड़ा हथियार, आखिर कैसे दुनिया भर में ब्रांड बनाकर पेश की मजबूत तस्वीर?
Ukraine Bravery Brand: पत्रिका के आवरण चित्र में 44 वर्षीय जेलेंस्की ने क्रीम रंग का पूरी बाजू का ब्लाउज, काले रंग की पैंट और जूते पहन रखे हैं। वह यूक्रेन की संसद की सीढ़ियों पर बैठी हुईं और दोनों हाथों को अपने घुटनों के बीच रखकर आगे की ओर झुकी हुई दिख रही हैं।
Highlights
- रूस के सामने अब भी टिका है यूक्रेन
- बहादुरी को बनाया सबसे बड़ा हथियार
- यूक्रेन ने बहादुरी को बनाया अपना ब्रांड
Ukraine Bravery Brand: यूक्रेन की प्रथम महिला ओलेना जेलेंस्की पर अमेरिका की प्रतिष्ठित फैशन पत्रिका ‘वोग’ की अक्टूबर 2022 की ‘कवर स्टोरी’ का पूर्वावलोकन जब 26 जुलाई को ट्विटर पर आया, तब सोशल मीडिया पर इसे लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ आलोचकों का कहना है कि फैशन पत्रिका के लिए मशहूर फोटोग्राफर एनी लेबोवित्ज द्वारा खींची गई तस्वीरें एक ‘खराब विचार’ था और इससे युद्ध में ग्लैमर का तड़का डाला गया है। वहीं अन्य लोगों ने रूस के आक्रमण के पांच महीनों बाद यूक्रेन की पीड़ा के बारे में जागरूकता लाने के लिए पत्रिका और यूक्रेन की प्रथम महिला की तारीफ की।
पत्रिका के आवरण चित्र में 44 वर्षीय जेलेंस्की ने क्रीम रंग का पूरी बाजू का ब्लाउज, काले रंग की पैंट और जूते पहन रखे हैं। वह यूक्रेन की संसद की सीढ़ियों पर बैठी हुईं और दोनों हाथों को अपने घुटनों के बीच रखकर आगे की ओर झुकी हुई दिख रही हैं। उन्होंने बहुत कम मेकअप किया हुआ था और वह सीधा कैमरे की ओर देखती हुई नजर आ रही हैं। कुछ ही घंटों के भीतर यूक्रेनी महिलाओं ने एकजुटता दिखाते हुए ‘एक लड़की की तरह बैठो’ (सिट लाइक अ गर्ल) हैशटैग के साथ इसी अवस्था में बैठे हुए अपनी तस्वीरें साझा करनी शुरू कर दीं।
जेलेस्की ने लिखा वीरता की एक तस्वीर
वोग ने जेलेंस्की के परिचय में लिखा ‘वीरता की एक तस्वीर’ और यह यूक्रेन सरकार की वृहद संचार रणनीति में बिल्कुल फिट बैठता है, जिसका मकसद दुनिया का ध्यान रूसी आक्रमण के खिलाफ उसकी लड़ाई की ओर ध्यान केंद्रित करना है। इस प्रयास के तौर पर यूक्रेन ने अप्रैल में एक देशव्यापी अभियान भी शुरू किया, जिसका शीर्षक था, ‘बहादुरी। यूक्रेन होना।’ संचार शोधार्थी होने के नाते, मैंने यह अध्ययन किया कि कैसे यूक्रेन जैसे पूर्व कम्युनिस्ट देशों ने पिछले दो दशकों में अपनी अंतरराष्ट्रीय साख चमकाने के लिए प्रचार की रणनीतियों का इस्तेमाल किया, जिसे देश की ब्रांडिंग भी कहा जाता है।
बहरहाल, यूक्रेन युद्ध के बीच में देश की ब्रांडिंग का एक आधिकारिक अभियान चलाने वाला पहला देश है। पहली बार किसी सैन्य आक्रमण के जवाब में ‘ब्रांड संचार’ देश की प्रतिक्रिया का एक अहम हिस्सा बन गया है।
देश की ब्रांडिंग और साम्यवाद का अंत
देशों की ब्रांडिंग करने का विचार 21वीं सदी की शुरुआत में आया था। इस तरह के कार्य में विज्ञापन, जन संपर्क और प्रचार की तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की साख बढ़ाई जा सके। ये प्रचार अभियान अक्सर प्रमुख खेल, सांस्कृतिक या राजनीतिक गतिविधियों के दौरान चलाए जाते हैं जैसे कि ओलंपिक खेलों के दौरान। बर्लिन की दीवार ढहाए जाने और 1991 में सोवियत संघ का विघटन होने के बाद, पहले के कम्युनिस्ट पूर्वी यूरोपीय देश अपने आप को नए सिरे से स्थापित करने के लिए उत्सुक थे।
जब एस्टोनिया के संगीतकारों ने 2001 में अंतरराष्ट्रीय गीत प्रतियोगिता यूरोविजन जीती तो सोवियत संघ के विघटन के बाद इस पुरस्कार को हासिल करने वाला वह पहला देश बन गया। इसके बाद एस्टोनिया की सरकार ने एक आधुनिक राष्ट्रीय ब्रांड बनाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय विज्ञापन कंपनी की सेवाएं लीं क्योंकि वह उसके अगले साल यूरोविजन की मेजबानी करने के लिए तैयार था। हालांकि, 2022 से पहले तक किसी भी देश ने युद्ध लड़ने के लिए देश की ब्रांडिंग का इस्तेमाल नहीं किया था।
‘वीरता हमारा ब्रांड है’
यूक्रेन की विज्ञापन एजेंसी बांदा के अधिकारियों ने फरवरी 2022 में रूस के आक्रमण के तुरंत बाद सरकार के सामने यूक्रेन की बहादुरी का अभियान चलाने का सुझाव रखा था। कीव और लॉस एंजिलिस में आधारित इस एजेंसी ने युद्ध से पहले भी सरकार प्रायोजित अभियानों के लिए काम किया था। यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने युद्ध के समय ब्रांडिंग अभियान का प्रचार किया और सात अप्रैल 2022 को एक वीडियो संबोधन में इसे शुरू करने की सार्वजनिक घोषणा की। इस अभियान का नाम है ‘बहादुरी हमारा ब्रांड है।’
इसके बाद बांदा ने बिलबोर्ड, पोस्टर, ऑनलाइन वीडियो से लेकर सोशल मीडिया पोस्ट, टी-शर्ट और स्टीकर्स तक विभिन्न प्रारूपों में कई संदेश बनाए। यूक्रेन में इस अभियान के संदेश जूस की बोतलों से लेकर 21 शहरों में 500 बिलबोर्ड तक दिखाई देते हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, स्पेन और स्वीडन समेत यूरोप के 17 देशों में भी यह अभियान चल रहा है। बांदा इसके लिए अपनी सेवाएं निशुल्क दे रही है और यूक्रेन सरकार केवल इसकी उत्पादन लागत का खर्च वहन कर रही है।
युद्ध के एक हथियार के तौर पर ब्रांडिंग
बांदा के सह-संस्थापक पावेल वर्झेश्च ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य यूक्रेन का मनोबल बढ़ाना है क्योंकि वह लगातार रूस से लड़ रहा है। लेकिन बहादुरी पर ध्यान केंद्रित करने के यूक्रेन के भविष्य के लिए भी मायने हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो इसका मकसद पश्चिमी देशों में सकारात्मक जन प्रतिक्रिया पैदा करना है, जिससे यूक्रेन को इस युद्ध को लड़ने में मदद मिलेगी।