Russia Ukraine War: लड़ाकू विमान चुराओ और 16 करोड़ ले जाओ, रूसी पायलटों को लालच दे रहा यूक्रेन, बड़े ऑपरेशन का हुआ भंडाफोड़
पायलटों को ये जो पैसा दिया जा रहा है, वह केवल बुकिंग का पेमेंट है। एफएसबी द्वारा शेयर किए गए वीडियो क्लिप के अनुसार, यूक्रेन के एजेंटों ने पायलटों को रिश्वत देने की कोशिश की है।
Highlights
- रूसी सैनिकों से विमान हाईजैक करा रहा यूक्रेन
- विमान चुराने के बदले 16 करोड़ तक का ऑफर
- अपने पायलटों की निगरानी कर रहा है रूस
Russia Ukraine War: रूस की खुफिया एजेंसी एफएसबी ने दावा किया है कि उसने रूसी वायु सेना के लड़ाकू विमान को हाईजैक करने की साजिश का भंडाफोड़ किया है। एफएसबी को पता चला है कि यूक्रेनी एजेंट रूसी पायलटों को लालच दे रहे हैं, ताकि वह विमान के साथ उनके देश में आ जाएं। इसके लिए 16 करोड़ रुपये देने तक की बात हो रही है। इस ऑपरेशन में नाटो देशों की खुफिया एजेंसी यूक्रेनी एजेंट्स का सहयोग कर रही हैं। एफएसबी को ये भी पता चला है कि इस ऑपरेशन में शामिल यूक्रेनी खुफिया सेवा के एजेंट और उनके साथियों की पहचान कर ली गई है। ऑपरेशन के खुलासे के बाद रूस के सभी एयरपोर्ट और सैन्य अड्डों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
केवल इतना ही नहीं बल्कि रूसी पायलटों और उच्च अधिकारियों की निगरानी तक हो रही है। एफएसबी का कहना है कि रूसी संघीय सुरक्षा सेवा ने रूसी एयरोस्पेस बलों के लड़ाकू विमानों के हाईजैक के लिए किए जा रहे यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय के मुख्य खुफिया निदेशालय के ऑपरेशन को रोक दिया है। बयान में कहा गया है, इस ऑपरेशन की निगरानी नाटो अपनी स्पेशल सर्विसेज के माध्यम से कर रहा था। यूक्रेनी सेना के खुफिया अधिकारी अपने देश के राजनीतिक नेतृत्व की तरफ से ऐसा कर रहे हैं। वह रूसी सेना के पायलटों को भर्ती करने की कोशिश कर रहे हैं, और बदले में ईनाम और किसी एक यूरोपीय संघ के देश की नागरिकता ऑफर कर रहे हैं।
पत्रकार भी कर रहे मदद
यूक्रेनी अधिकारियों ने रूसी पायलटों को अपने देश के हवाई क्षेत्रों से लड़ाकू विमानों को उतारने के लिए मनाने की कोशिश की है। रूसी सुरक्षा सेवा का कहना है कि इस ऑपरेशन में ब्रिटेन की तरफ से यूक्रेन को बड़ा समर्थन मिल रहा है। ऐसा दावा है कि खोजी पत्रकार समूह बेलिंगकैट के कार्यकारी निदेशक क्रिस्टो ग्रोजेव ने इस ऑपरेशन में हिस्सा लिया है। एफएसबी को पता चला है कि ग्रोजेव ने यूक्रेनी एजेंट की मदद से मॉस्को में रूसी पायलट से संपर्क करने की कोशिश की है। उन्होंने रूसी विमान को हाईजैक कर यूक्रेन की धरती पर उतारने के बदले में 4000 डॉलर अडवांस में देने की बात कही है।
पायलटों को ये जो पैसा दिया जा रहा है, वह केवल बुकिंग का पेमेंट है। एफएसबी द्वारा शेयर किए गए वीडियो क्लिप के अनुसार, यूक्रेन के एजेंटों ने पायलटों को रिश्वत देने की कोशिश की है। पायलट से कहा गया कि अगर वह Su-24, Su-34, या Tu-22 विमान को हाईजैक करता है, तो उसे 2 मिलियन डॉलर कैश दिए जाएंगे। केवल इतना ही नहीं, बल्कि अगर ये ऑपरेशन सफल रहा, तो इन पायलटों को यूरोपीय संघ के देशों में रहने और इनकी सुरक्षा का आश्वासन भी दिया जा रहा है। एफएसबी का कहना है कि फोन कॉल पर एक यूक्रेनी अधिकारी ने खुलासा किया कि यूक्रेनी शहरों की रक्षा के लिए बड़े स्तर पर एयर डिफेंस सिस्टम लगाए गए हैं।
रूस ने युद्ध का मकसद बदला
वहीं दूसरी तरफ रूस ने ही यूक्रेन युद्ध का अपना मकसद बदल दिया है। यूक्रेन के शहरों पर रूसी तोपों और विमानों के हमले जारी रहने के बीच रूस के विदेश मंत्री ने कहा कि उनके देश का लक्ष्य यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की की सरकार को उखाड़ फेंकना है। इससे ऐसा जान पड़ता है कि रूस ने अपना लक्ष्य बदल लिया है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की टिप्पणी यूक्रेन द्वारा अपने काला सागर बंदरगाहों से अनाज के निर्यात को बहाल करने के प्रयास के बीच आई है। अनाज निर्यात बहाल होने से दुनिया में खाद्यान्न की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी। काहिरा में रविवार को अरब लीग सम्मेलन में लावरोव ने कहा कि रूस यूक्रेनवासियों को ‘इस बिल्कुल अस्वीकार्य शासन के बोझ से मुक्त कराने में मदद करने के लिए’ दृढ़संकल्प है।
लावरोव ने यूक्रेन और ‘उसके पश्चिमी सहयोगियों’ पर यह सुनिश्चित करने के लिए दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया कि यूक्रेन ‘रूस का सार्वकालिक दुश्मन है।’ उन्होंने कहा, ‘रूसी और यूक्रेनी लोग आगे भी एक साथ रहेंगे, हम निश्चित ही यूक्रेन के लोगों को इस शासन से मुक्ति दिलाने में मदद करेंगे, जो बिल्कुल जन-विरोधी एवं इतिहास -विरोधी है।’ लावरोव की टिप्पणी युद्ध के प्रारंभ में क्रेमलिन की ओर से आए बयानों के बिल्कुल विपरीत हैं । तब रूसी अधिकारियों ने बार बार कहा था कि वे जेलेंस्की की सरकार को उखाड़ फेंकने की चेष्टा नहीं कर रहे हैं। लावरोव ने कहा कि रूस मार्च में ही शत्रुता समाप्त करने के लिए करार के वास्ते बातचीत को तैयार था लेकिन यूक्रेन ने रूख बदल लिया और रणभूमि में रूस का सफाया करने के अपने इरादे का ऐलान कर दिया।
उन्होंने कहा , ‘पश्चिमी देशों ने इस बात पर जोर दिया कि यूक्रेन को तब तक बातचीत नहीं करनी चाहिए जब तक युद्ध के मैदान में रूस को पराजित नहीं कर दिया जाता है।" रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव रविवार को मिस्र के अधिकारियों के साथ बातचीत के लिए काहिरा पहुंचे थे। यूक्रेन पर आक्रमण करने के कारण पश्चिमी देशों द्वारा मास्को पर लगाए गए प्रतिबंधों से रूस निकलने के लिए प्रयासरत है। रूस के सरकारी टेलीविजन नेटवर्क ‘आरटी’ के अनुसार, लावरोव अपनी अफ्रीका यात्रा के पहले चरण के तहत शनिवार देर रात काहिरा पहुंचे थे। वह इस दौरान इथियोपिया, युगांडा और कांगो गणराज्य में भी रुकेंगे।