रूस- यूक्रेन युद्ध के 1 वर्ष बीत जाने के बाद यूक्रेनी सैनिक का सिर कलम किए जाने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इससे सनसनी फैल गई है। राष्ट्रपति जेलेंस्की भी बौखला गए हैं। हालांकि उन्होंने पहले वीडियो की सत्यता की जांच कराए जाने की बात कही है। इसके बाद यूक्रेन उचित प्रतिक्रिया देगा।
यूक्रेन को आशंका है की प्राकृतिक रूसी सैनिकों द्वारा किया गया है जब भी रूस ने वायरल वीडियो को भयावह करार देते हुए इसके सत्यता की जांच कराए जाने की जरूरत पर बल दिया है। वहीं यूक्रेन ने बुधवार को वादा किया कि वह सोशल मीडिया पर वायरल हुए उस वीडियो की सत्यता की जांच करेगा, जिसमें कथित तौर पर एक यूक्रेनियाई सैनिक का सिर कलम करते हुए दिखाया गया है। वीडियो के वायरल होने के बाद यूक्रेन के अधिकारियों में नाराजगी है। जबकि क्रेमलिन (रूसी सरकार) ने फुटेज को ‘भयावह’ करार देते हुए कहा कि इसकी सत्यता की जांच करने की जरूरत है।
जेलेंस्की ने कहा इस हिंसा को भुला नहीं सकते
वीडियो में हरे रंग की पोशाक और बाजू पर पीले रंग की पट्टी पहने व्यक्ति दिखाई दे रहा है जो आमतौर पर यूक्रेनी लड़ाकों द्वारा पहना जाता है, जिसे एक अन्य व्यक्ति द्वारा धोखे से चाकू से सिर काटने से पहले चिल्लाते हुए सुना जा सकता है। वीडियो में एक तीसरा व्यक्ति भी दिखाई देता है जिसके पास एक जैकेट है जो संभवत: मारे गए व्यक्ति का प्रतीत होता है और तीनों रूसी भाषा में बोलते सुनाई दे रहे हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि नवीनतम वीडियो में दिखी हिंसा को भूला नहीं जा सकता और ऐसे कृत्यों के लिए रूसी सेना जिम्मेदार है। उन्होंने अपने आधिकारिक टेलीग्राम चैनल पर जारी वीडियो संदेश में कहा, ‘‘प्रत्येक व्यक्ति, प्रत्येक नेता को इस पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए। यह उम्मीद न करें कि इन घटनाओं को भुला दिया जाएगा, यह समय भी गुजर जाएगा।’
रूसी सैनिकों को कहा ‘जानवर
’जेलेंस्की ने रूसी सैनिकों के लिए कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें ‘जानवर’ करार दिया। वहीं, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि यह जरूरी है कि इस ‘भयानक’ वीडियो की गंभीरता से जांच की जाए और पता किया जाए कि यह सत्य है या नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘जिस झूठी दुनिया में हम रह रहे हैं उसमें फुटेज की प्रामाणिकता की जांच अवश्य की जानी चाहिए।’’ यूक्रेन की राज्य सुरक्षा सेवा ने वीडियो की जांच शुरू कर दी है। यह जानकारी एजेंसी के प्रमुख वासिल मालियुक ने एक बयान जारी कर दी। यूक्रेनी लोकपाल दिमित्रो लुबिनेट ने बुधवार को कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति से वीडियो की जांच करने का अनुरोध करेंगे। उन्होंने टेलीग्राम पर लिखा, ‘‘बंधक को सार्वजनिक रूप से मृत्युदंड देना जिनेवा संधि के नियमों, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून और जीवन के मूल अधिकार के उल्लंघन का एक और संकेत है।’
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