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Hindi News विदेश यूरोप UK Prime Minister: कितनी है ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की सैलरी, क्या करते हैं पीएम, क्या हैं ताकत, जानिए सबकुछ

UK Prime Minister: कितनी है ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की सैलरी, क्या करते हैं पीएम, क्या हैं ताकत, जानिए सबकुछ

UK Prime Minister: लिज ट्रूस की तुलना में हालिया समय में नेतृत्व पद पर नेताओं ने ज्यादा अंतर से जीत हासिल की थी। अब ट्रूस के सामने सबसे बड़ी चुनौती ब्रिटेन की सिकुड़ती अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, ऊर्चा के दामों में कमी लाना और पार्टी में आए अंतर को पाटना है।

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Highlights

  • ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री बनीं लिज ट्रूस
  • ऋषि सुनक को वोट के अंतर से हराया
  • महंगाई और अर्थव्यवस्था समेत कई हैं चुनौती

UK Prime Minister: ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रूस ने भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक को कंजर्वेटिव पार्टी नेतृत्व के लिए मुकाबले में हराया और अब वह प्रधानमंत्री के तौर पर बोरिस जॉनसन का स्थान लेंगी। कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों द्वारा 1,70,000 से अधिक ऑनलाइन और डाक वोट डाले जाने के बाद 47 साल की ट्रूस के (ब्रिटेन की) तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनने की व्यापक रूप से उम्मीद जताई जा रही है। ट्रूस की जीत के साथ ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने के सुनक के प्रयासों पर विराम लग गया। चुनाव में 82.6 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें सुनक को 60,399 मत जबकि ट्रस को 81,326 मत मिले। मतदान के लिए कंजरवेटिव पार्टी के 172,437 सदस्य योग्य थे, वहीं 654 वोट खारिज कर दिए गए। 

उनकी जीत का अंतर पार्टी के भीतर विभाजन को भी दर्शाता है। इस तरह ट्रूस को 57.4 प्रतिशत और सुनक को 42.6 प्रतिशत मत मिले। ट्रूस की तुलना में हालिया समय में नेतृत्व पद पर नेताओं ने ज्यादा अंतर से जीत हासिल की थी। अब ट्रूस के सामने सबसे बड़ी चुनौती ब्रिटेन की सिकुड़ती अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, ऊर्जा के दामों में कमी लाना और पार्टी में आए अंतर को पाटना है। वह आम नागरिकों पर पड़ रहे महंगाई के भार को कम करने की कोशिश भी करेंगी। इस बीच लोग ये जानने के लिए बेताब होंगे कि भला ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का क्या काम होता है। उनकी सैलरी कितनी होती और एक प्रधानमंत्री के तौर पर उनके पास क्या शक्तियां होती हैं?

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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का काम क्या होता है?

प्रधानमंत्री ब्रिटिश सरकार का लीडर होता है। जिसे ब्रिटिश महारानी नियुक्त करती हैं। आमतौर पर वह ब्रिटेन के आम चुनाव जीतने वाली पार्टी का नेता होता है। चूंकी इस बार बोरिस जॉनसन ने कार्यकाल खत्म होने से पहले ही खुद अपना पद छोड़ा है, इसलिए कंजर्वेटिव पार्टी जो कि बहुमत में है, उसने अपने नए नेता का चुनाव किया है। प्रधानमंत्री का चयन देश के मतदाताओं के बजाय कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों ने किया है। चुनाव जीतने वाली लिज ट्रूस अपने शेष कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बनी रहेंगी।

सरकारी नीतियों और फैसलों के लिए जिम्मेदार

ब्रिटेन का प्रधानमंत्री सरकार की सभी नीतियों और फैसलों के लिए जिम्मेदार होता है। उनका काम सरकार के सदस्यों का चुनाव करना होता है, जिन्हें मंत्री कहा जाता है। पार्टी के वरिष्ठ लोगों को कैबिनेट मंत्री बनाया जाता है और सरकारी विभाग सौंपे जाते हैं, जैसे वित्त मंत्रालय, गृह मंत्रालय। प्रधानमंत्री मंत्रियों को उनके पद से कभी भी हटा सकता है। वह सरकारी विभागों को खत्म कर नए विभागों का गठन भी कर सकता है।  प्रधानमंत्री कर और व्यय नीतियों का प्रभारी होता है। प्रधानमंत्री और उनके मंत्री नए कानून ला सकते हैं, तब तक ही, जब तक उन्हें संसद का समर्थन प्राप्त है।

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ब्रिटिश प्रधानमंत्री के पास और कौन सी शक्तियां होती हैं?

प्रधानमंत्री के पास नागरिक सेवा का संपूर्ण नियंत्रण होता है। यानी वो लोग और विभाग, जो सरकारी फैसले लेते हैं। वह ब्रिटेन की रक्षा और सुरक्षा से जुड़े फैसले ले सकता है। उदाहरण के तौर पर, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के पास ये शक्ति होती है कि वह सेना को सैन्य कार्रवाही के लिए कहीं भी भेज सकता है। हालांकि, ब्रिटिश कानून के अनुसार, उसे इस कदम को उठाने के लिए संसद से अनुमति लेने की जरूरत होती है। वह अपने देश द्वारा परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को मंजूरी दे सकता है। इसके अलावा भी प्रधानमंत्री के पास कई जिम्मेदारियां होती हैं, जैसे किसी हाइजैक या फिर अज्ञात विमान को मार गिराना। वह देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान नाइटहुड और डेमहुड की सिफारिश कर सकता है। वह हाउस ऑफ लॉर्ड्स के लिए सदस्यों को नामित कर सकता है। प्रधानमंत्री आमतौर पर हफ्ते में एक बार ब्रिटिश महारानी को सरकारी मामलों की जानकारी देने के लिए उनसे मुलाकात करता है। ये बैठकें पूरी तरह गुप्त होती हैं और इसका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं होता।

कितनी होती है प्रधानमंत्री की सैलरी?

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को रहने के लिए आधिकारिक निवास मिलता है, जिसे 10 डाउनिंग स्ट्रीट कहा जाता है। यहां पीएम का एक कार्यकारी दफ्तर होता है, जहां वह दिन प्रतिदिन की सारी बैठकें करता है। 10 डाउनिंग स्ट्रीट को पीएम आवास के तौर पर 1735 से इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि कुछ प्रधानमंत्री जैसे बोरिस जॉनसन ने रहने के लिए नंबर 11 का विकल्प चुना, जो नंबर 10 से काफी बड़ा है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री की सैलरी 164,080 पाउंड (1,50,58,516 रुपये) है। इसमें सांसद बनने के लिए 84,144 पाउंड (77,22,354 रुपये) और बाकी 79,936 (73,36,162 रुपये) प्रधानमंत्री पद के लिए दिए जाते हैं। हालांकि, बोरिस जॉनसन ने केवल 75,440 पाउंड का पीएम भत्ता लिया था।

कैसे निर्धारित की जाती है प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी?

इतनी ताकत होने के बावजूद भी ब्रिटेन का प्रधानमंत्री अपनी मर्जी से फैसले नहीं ले सकता है। उसे अपने फैसलों में सांसदों के भरोसे को बनाए रखना होता है। क्योंकि कानून तभी पास होंगे, जब बहुमत में सांसद उसका समर्थन करेंगे। अगर सरकार लगातार समर्थन खोती जाएगी, तो सांसद 'अविश्वास प्रस्ताव' को साबित करने के लिए बोल सकते हैं। प्रधानमंत्री अगर बहुमत खो देता है, तो उसे आम चुनाव में नुकसान झेलना पड़ सकता है। अगर प्रधानमंत्री की पार्टी आम चुनाव हार जाती है और संसद में अविश्वास प्रस्ताव भी साबित नहीं कर पाती, तो उसे जीतने वाली पार्टी के नेता को सत्ता सौंपने के लिए खुद इस्तीफा देना पड़ता है।

बोरिस जॉनसन के स्थान पर कैसे हुआ लिज ट्रूस का चयन?

जैसे ही लिज ट्रूस ने विदेश मंत्री के पद से इस्तीफा दिया, वैसे ही पार्टी के 357 सांसदों के बीच नेतृत्व को लेकर चुनावी जंग शुरू हो गई। कई उम्मीदवारों ने कंजर्वेटिव पार्टी का नेता बनने के लिए नामांकन दाखिल किया। इसके लिए पार्टी सांसदों के बीच पांच चरण की वोटिंग हुई। आखिरी चरण में प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए जारी रेस में अकेले ऋषि सुनक और लिज ट्रूस बचे थे। जिसके बाद पार्टी के सदस्यों ने अपने नेता के लिए वोट दिया। ऋषि सुनक 5वें चरण में पार्टी सांसदों के बीच लिज ट्रूस से काफी आगे थे लेकिन पार्टी सदस्यों की वोटिंग में मात खा गए। वहीं लिज ट्रूस को ज्यादा वोट मिले। जिसके बाद वो ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बनीं और उन्होंने बोरिस जॉनसन की जगह ली।

क्या अब ब्रिटेन में आम चुनाव होंगे?

अगर प्रधानमंत्री इस्तीफा देता है, तो आम चुनाव नहीं कराए जाते। उदाहरण के लिए, जब थेरेसा मे जुलाई 2016 में डेविड कैमरन की जगह पर आई थीं, तो उन्होंने तुरंत चुनाव कराने की बात नहीं कही। बोरिस जॉनसन जुलाई 2016 में प्रधानमंत्री बने लेकिन उन्होंने भी दिसंबर तक चुनाव नहीं कराए। इसलिए लिज ट्रूस ने भी जल्दी चुनाव न कराए जाने का फैसला लिया है। ऐसे में अगले आम चुनाव जनवरी, 2025 में होंगे। 

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