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Hindi News विदेश यूरोप तुर्की में भूकंप से दोस्त बन गए दो दुश्मन देश, कभी थे जंग की कगार पर, जानिए इनके संबंधों ताना-बाना

तुर्की में भूकंप से दोस्त बन गए दो दुश्मन देश, कभी थे जंग की कगार पर, जानिए इनके संबंधों ताना-बाना

ग्रीस के विदेशमंत्री ने मुश्किल वक्त में भूकंप से प्रभावित तुर्की की यात्रा की और हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। दोनों देशों के रिश्तों मे जमी बर्फ भूकंप के बाद ग्रीस के लोगों द्वारा तुर्की की आवाम के लिए आंसू बहाने के बाद और पिघल गई।

ग्रीस और तुर्की के विदेशमंत्रियों की मुलाकात।- India TV Hindi Image Source : TWITTER FILE ग्रीस और तुर्की के विदेशमंत्रियों की मुलाकात।

Greece and Turkey: ग्रीस और तुर्की दोनों के बीच लंबे समय से मेडिटेरियन सी के कुछ द्वीपों को लेकर विवाद है। इस कारण दोनों के बीच दुश्मनी काफी पहले से है। कई बार तो हालत जंग की कगार तक पहुंच गई। लेकिन कहते हैं ना कि जब विपत्ति आती है तो नजरिया बदल जाता है। हाल ही में तुर्की में महाविनाशकारी भूकंप आया, तो दुश्मन देश ग्रीस भी तुर्की की मदद के लिए आगे आया। यही नहीं ग्रीस के विदेशमंत्री ने मुश्किल वक्त में भूकंप से प्रभावित तुर्की की यात्रा की और हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। दोनों देशों के रिश्तों मे जमी बर्फ भूकंप के बाद ग्रीस के लोगों द्वारा तुर्की की आवाम के लिए आंसू बहाने के बाद और पिघल गई। 

ग्रीस के विदेश मंत्री निकोस डेंडियस ने रविवार को भूकंप प्रभावित तुर्की की यात्रा की। इस दौरान डेंडियस के साथ तुर्की में उनके समकक्ष मेवलुत कावुसोगलु भी थे। यह यात्रा दो असहज सहयोगियों के बीच भूकंप के बाद हुई। यह भूकंप कूटनीति के एक नए दौर का हिस्सा है, जिनके संबंध  शत्रुतापूर्ण या फिर कहें कि अक्सर ठंडे रहे हैं। 1999 में भी कुछ ऐसा ही हुआ था, तीन साल बाद जब दोनों देशों के बीच ईजियन सागर में दो निर्जन द्वीपों को लेकर लगभग युद्ध छिड़ गया था।

अगस्त 2019 में भी भूकंप के बाद आई थी करीबी

अगस्त 1999 में तुर्की में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था। इस शक्तिशाली भूकंप के कारण करीब 18,000 लोगों की जानें चली गई थीं। लेकिन अगले महीने यूनान की राजधानी एथेंस में 6.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 143 लोग मारे गए। दोनों ही मामलों में दोनों देशों ने एक दूसरे के प्रयासों में सहायता के लिए बचावकर्मियों को भेजा। इसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया में द्विपक्षीय संबंधों में गर्माहट आने के तौर पर कवर किया गया था।

तुर्की के विदेश मंत्री ने क्या कहा

कावुसोगलु ने अपने एक पत्र का जिक्र किया जो उन्होंने एक निजी नागरिक के रूप में उस समय 'टाइम' मैगजीन को भेजा था। कावुसोगलु ने कहा, 'तब मैंने कहा था कि हमें अपने संबंध में सुधार के लिए दूसरे भूकंप का इंतजार नहीं करना चाहिए। तुर्की के विदेश मंत्री के रूप में मैं अब भी इसी बात को दोहराऊंगा। हमें अपने संबंधों में सुधार के लिए निश्चित रूप से प्रयास करना चाहिए।' डेंडियस ने कहा, 'मैं मेवलुत की बात से पूरी तरह से सहमत हूं कि हमें अपने रिश्तों में सुधार के लिए प्राकृतिक आपदाओं का इंतजार नहीं करना चाहिए।'

क्या रहा है ग्रीस और तुर्की के बीच विवाद का कारण?

दोनों देशों में मेडिटेरियन सी में मौजूद द्वीपों को लेकर लंबे समय से तनाव है। ये द्वीप तुर्की की मुख्य भूमि से काफी करीब हैं, लेकिन इन पर ग्रीस का कब्जा है। वहीं, तुर्की का दावा है कि ये द्वीप उसके हैं। 2020 में तो इस विवाद की वजह से दोनों देश जंग की कगार पर पहुंच गए थे। उस समय फ्रांस के हस्तक्षेप के बाद दोनों देशों में तनाव कम हुआ था। 

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