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जंग लड़ रहे पुतिन के हजारों युवा सैनिक मारे गए, मुसीबत में रूस ने दोस्त भारत से मांगी यह मदद

रूस में युवा कामगारों की काफी कमी हो गई है। इस संकट से निपटने के लिए उसे अपने दोस्त और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले युवाओं के देश भारत की याद आई है। रूस ने भारत से कहा है कि भारतीय युवा रूस मे आकर काम करें। इसके लिए रूस ने कई तरह के प्रयास भी किए हैं।

जंग लड़ रहे पुतिन के हजारों युवा सैनिक मारे गए, मुसीबत में रूस ने दोस्त भारत से मांगी यह मदद- India TV Hindi Image Source : FILE जंग लड़ रहे पुतिन के हजारों युवा सैनिक मारे गए, मुसीबत में रूस ने दोस्त भारत से मांगी यह मदद

Russia-India: रूस और यूक्रेन की जंग को एक साल से ज्यादा समय हो गया है। इस भीषण जंग में यूक्रेन की कमर टूट गई है, लेकिन रूस को भी भारी नुकसान हुआ हैै। हजारों की संख्या में रूसी युवा सैनिक मारे जा चुके हैं। हालात तो यह हो गई कि उसे अपने देश के लाखों युवाओं को सेना में भर्ती करना पड़ा है। एक साल की अवधि में करीब 5 लाख युवाओं को सेना की वर्दी पहना दी गई। वहीं कई युवा रूस छोड़कर भाग गए। इस बीच रूस में युवा कामगारों की काफी कमी हो गई है। इस संकट से निपटने के लिए उसे अपने दोस्त और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले युवाओं के देश भारत की याद आई है। रूस ने भारत से कहा है कि भारतीय युवा रूस मे आकर काम करें। इसके लिए रूस ने कई तरह के प्रयास भी किए हैं। 

इससे पहले युवा कामगारों के लिए रूस उत्तर कोरिया से भी गुहार लगा चुका है। रूस ने कहा है कि उसकी अर्थव्‍यवस्‍था के कई सेक्‍टर में कामगारों की भारी कमी हो गई है। इस कारण रूस द्वारा अब भारतीय प्रवासियों को देश में काम करने के लिए आकर्षित करने की कोशिश की जा रही है। रूस में पिछले 1 साल में 5 लाख युवा सेना में शामिल किए गए हैं, जबकि हजारों की तादाद में सैनिक जंग में मारे गए हैं।

जंग की वजह से पुरुष कामगारों की संख्या में भारी कमी, भारत पर नजर

दरअसल, कामगारों की संख्‍या में भारी कमी की वजह से रूस अपनी अर्थव्‍यवस्‍था में उत्‍पादन को नहीं बढ़ा पा रहा है। इस जंग की वजह से पुरुष कामगारों की संख्‍या में भारी कमी हुई है। रूस अब इस कमी को भारतीय कामगारों की मदद से पूरा करना चाहता है। भारत में रूसी राजदूत डेनिस अइलपोव ने कहा है कि भारत और रूस मिलकर भारतीय कर्मचारियों को आकर्षित करने के तरीकों पर काम कर रहे हैं। ताकि भारतीय युवाओं को रूस में काम करने का मौका मिल सके। साथ ही रूस में कामगारों के संकट को कम किया जा सके। 

उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि रूस की इकोनॉमी के कुछ सेक्टर्स मजदूरों के संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि  भारत को यूक्रेन संकट ‘व्‍यापक समझ‘ है। वैसे रूस जानता है कि भारत युवाओं का देश है और बड़ी संख्या में भारतीय युवा अमेरिका और अरब देशों में जाकर काम कर रहे हैं। 

सालभर में 5 लाख युवा किए जा चुके हैं भर्ती 

रूसी राजदूत का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब पुतिन यूक्रेन में रूसी सैनिकों के मारे जाने के बीच जमकर सेना में भर्ती अभियान चला रहे हैं। रूस की सेना में 5 लाख युवाओं को शामिल किया गया है और यही वजह है कि बड़ी संख्‍या में युवा देश छोड़कर भाग गए हैं। यही नहीं यूक्रेन जंग की वजह से हजारों लोगों को अन्य क्षेत्रों के काम छोड़कर सेना की वर्दी पहना दी गई है। इससे देश में मजदूरों का गंभीर संकट पैदा हो गया है। ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल कुल 4 लाख अतिरिक्‍त सैनिकों रूसी सेना में शामिल किया गया है। 

लाखों सैनिकों की भर्ती और करना चाहता है रूस

अब रूस 4 लाख और सैनिकों को यूक्रेन में लड़ने के लिए शामिल करना चाहता है। रूस ने यह योजना तब बनाई है जब पुतिन अभी यूक्रेन में लंबी लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं।

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