अपनी कविताओं के माध्यम से कवि अक्सर गहराइयों की बात कह जाता है। कई कविताएं दिल को छूती हैं, तो कुछ दिल को कुरेदती हैं, कुछ कविताएं दिल के जख्मों को सहलाती हैं तो कुछ पुराने जख्मों को ताजा कर देती हैं, कविताएं वह हैं जो कभी सुकून का एहसास कराती हैं तो कभी बेचैनी बढ़ाती हैं। कविताएं कभी कल्पना का प्राचुर्य तो कभी हकीकत का आईना होती हैं। कविताएं कभी रुलाती तो कभी हंसाती, कभी गुदगुदाती और कभी अंदर के भावों को जगाती हैं। वह कभी बेचैनी भगाती हैं तो कभी चैन से सोने नहीं देती। कविताएं ऐसी होती हैं जो कभी वीरता और प्रतिशोध को जगाती हैं तो कभी मानवता और शांति का पाढ़ पढ़ाती हैं। मगर यही कविता एक रूसी कवि के जी का जंजाल बन गईं। कवि ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर कुछ ऐसी रचना करी कि उसे सलाखों के पीछे जाना पड़ गया।
बेहद हैरान भरे इस मामले में कवि को कोर्ट ने कविता पढ़ने पर कड़ी सजा दी है। मामला रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ा है। कवि ने युद्ध के खिलाफ कविता पढ़ी थी। इसके लिए बृहस्पतिवार को एक रूसी अदालत ने कवि को सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई। मॉस्को की ट्वेर्स्कोई जिला अदालत ने कवि अर्तयोम करमदीन को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाली अपील करने और नफरत फैलाने के आरोपों के तहत दोषी करार दिया। उन्होंने सितंबर 2022 में मॉस्को में एक प्रस्तुति के दौरान युद्ध के विरोध में कविता सुनाई थी।
कमरदीन की टूटी कमर
कार्यक्रम में हिस्सा लेने और कमरदीन की कविता सुनाने वाले येगो श्तोवबा को इन्हीं आरोपों में साढ़े पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है। यूक्रेन में रूसी सेना को मिले झटकों के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तीन लाख रिजर्व सैनिकों को लामबंद करने का आदेश दिया था, जिसके कुछ दिन बाद लेखक व्लादिमीर मायाकोस्की के स्मारक के निकट यह कार्यक्रम हुआ था। पुलिस ने कार्यक्रम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए तुरंत कमरदीन और कई अन्य प्रतिभागियों को गिरफ्तार कर लिया था। फरवरी 2022 के अंत से इस महीने की शुरुआत के बीच रूस में युद्ध का विरोध करने के लिए 19,847 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
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