Nuclear Bomb: द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद क्या अब एक बार फिर दुनिया परमाणु युद्ध की चपेट में आ चुका है, क्या यूक्रेन से पहले रूस पर ही परमाणु बम से हमला हो सकता है?...यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि अचानक नाटो सेनाओं ने परमाणु हमले का अभ्यास करना शुरू कर दिया है। इससे पूरी दुनिया में खलबली मच गई है। अभी तक रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन पर परमाणु बम से हमला करने की धमकी देकर दुनिया को दहशत में डालते रहे हैं, लेकिन अब नाटो सेनाओं के एक्शन ने परमाणु युद्ध के खतरे को बढ़ा दिया है।
मगर सवाल यह है कि क्या नाटों सेनाएं पुतिन के परमाणु हमले का ही जवाब देने की तैयारी कर रही हैं या फिर यूक्रेन को हारता देख नाटो पहले ही रूस पर न्यूक्लियर बम गिरा देना चाहता है। ताकि यूक्रेन का अस्तित्व बचा रह जाए। क्या नाटो सेनाओं को अब यह यकीन हो गया है कि पुतिन निश्चित ही यूक्रेन पर परमाणु हमला कर देंगे। इसलिए बिना मौका गवाएं रूस पर ही परमाणु बम गिरा दिया जाए। ताकि रूस को यूक्रेन पर परमाणु हमला करने का अवसर ही नहीं मिले?
नाटो सेनाओं ने शुरू किया परमाणु अभ्यास
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने सोमवार को उत्तर पश्चिमी यूरोप में परमाणु अभ्यास शुरू करके हलचल मचा दी है। हालांकि नाटो देशों का कहना है कि यह उनका वार्षिक अभ्यास है और इसकी योजना लंबे समय से बनाई जा रही थी। मगर यह याद रखना जरूरी है कि नाटो का यह अभ्याय ऐसे समय हो रहा है जब यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने धमकी दी है कि उनका देश अपने भू-भाग की रक्षा के लिए किसी भी साधन का उपयोग कर सकता है। नाटो के 30 सदस्य देशों में से 14 इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं। सैन्य गठबंधन नाटो ने कहा कि इस अभ्यास में युद्धक जेट और निगरानी और ईंधन भरने वाले विमानों सहित लगभग 60 विमान शामिल किए जाएंगे।
रूस की सीमा से एक हजार किमी दूर अभ्यास
मुख्य अभ्यास रूस की सीमाओं से कम से कम 1,000 किलोमीटर (625 मील) दूर होगा। लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम अमेरिकी युद्धक विमान बी-52 को भी इस युद्धाभ्यास में शामिल किया जाएगा। इस अभ्यास को ‘‘स्टीडफास्ट नून’’ नाम दिया गया है, जो 30 अक्टूबर तक चलेगा। नाटो ने इस अभ्यास से मीडिया को दूर रखा है। संगठन ने कहा कि प्रशिक्षण उड़ानें बेल्जियम, उत्तरी सागर और ब्रिटेन के ऊपर होंगी।
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