लंदन: एस्ट्राजेनेका वैक्सजेवरिया वैक्सीन की तीसरी बूस्टर डोज के बाद कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी बढ़ने की बात सामने आई है। एंग्लो-स्वीडिश बायोफार्म कंपनी ने गुरुवार को जारी अपने प्रारंभिक आंकड़ों में यह बात कही। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित और भारत में कोविशील्ड के तौर पर लगाए जा रहे टीके के जारी परीक्षण में पता चला है कि इसकी तीसरी खुराक से सार्स-सीओवी2 के बीटा, डेल्टा, अल्फा और गामा वेरिएंट्स के प्रति शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता में इजाफा हुआ।
‘एंटीबॉडी तेजी से बनने की बात सामने आई’
टेस्टिंग के सैंपल्स का अलग से विश्लेषण करने पर ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ भी एंटीबॉडी तेजी से बनने की बात सामने आई। वैक्सजेवरिया या कोई mRNA वैक्सीन लगवा चुके लोगों में परिणामों का अध्ययन किया गया। एस्ट्राजेनेका में बायोफार्मास्यूटिकल्स आरएंडडी के कार्यकारी उपाध्यक्ष सर एम पैंगोलाज ने कहा, ‘वैक्सजेवरिया ने दुनियाभर में लाखों लोगों को कोविड-19 से बचाया है और ये आंकड़े दिखाते हैं कि तीसरी बूस्टर खुराक के तौर पर इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। तब भी, जब इसे अन्य टीकों के बाद दिया गया हो।’
यूरोप में ओमिक्रॉन वेरिएंट के कई लाख मामले आए
कंपनी ने कहा कि वह तीसरी अतिरिक्त खुराक की तात्कालिक जरूरत को देखते हुए इन अतिरिक्त आंकड़ों को दुनियाभर के स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रदान कर रही है। ‘द लांसेट’ के साथ प्रिप्रिंट में आये चौथे चरण के परीक्षण के परिणाम दिखाते हैं कि कोरोनावैक (सिनोवैक बायोटेक) के प्रारंभिक टीकों के बाद वैक्सजेवरिया की तीसरी खुराक से एंटीबॉडी में तेजी से वृद्धि देखी गयी। बता दें कि WHO ने हाल ही में कहा था कि जनवरी के प्रथम सप्ताह में समूचे यूरोप में कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट के 70 लाख से अधिक नये मामले सामने आए।
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