दुनिया के सबसे दुर्लभ खनिजों में से एक, रेयर अर्थ ऑक्साइड के भंडार की खोज की गई है। इस खोज को पूरी दुनिया के लिए चमत्कार माना जा रहा है। खनन कंपनी एलकेएबी ने गुरुवार को कहा कि उसने किरुना क्षेत्र में दस लाख टन से अधिक दुर्लभ पृथ्वी ऑक्साइड के खनिज संसाधनों की पहचान की है। वर्तमान में चीन में अधिकांश रेयर अर्थ ऑक्साइड का खनन किया जाता है। स्वीडन के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हम चीन और रूस से स्वतंत्र रूप से इस दुर्लभ खनिज का खनन कर सकते हैं। आपको बता दें कि इस दुर्लभ खनिज का खनन चीन और रूस के क्षेत्रों में होता है।
जलवायु के लिए भी अच्छी खबर
पृथ्वी ऑक्साइड खनिजों का उपयोग कई उच्च-तकनीकी निर्माण प्रक्रियाओं में किया जाता है। इसका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, पवन टर्बाइनों, पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक्स और माइक्रोफोन और स्पीकर में भी किया जाता है। एलकेएबी के सीईओ जन मोस्ट्रोम ने एक बयान में कहा, "यह न केवल एलकेएबी और स्वीडिश लोगों के लिए बल्कि यूरोप और जलवायु के लिए भी अच्छी खबर है।" बता दें कि फिलहाल यूरोप में अर्थ ऑक्साइड का खनन नहीं होता है।
पवन टर्बाइनों के निर्माण के लिए आवश्यक
आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ने पर अर्थ ऑक्साइड की मांग बढ़ सकती है। खनन कंपनी एलकेएबी का कहना है कि उसने आर्कटिक स्वीडन में दुर्लभ पृथ्वी तत्वों के 'महत्वपूर्ण भंडार' की पहचान की है, जिन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों और पवन टर्बाइनों के निर्माण के लिए आवश्यक है।
सबसे महत्वपूर्ण संसाधनों में से एक
बता दें कि स्वीडिश सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी एलकेएबी स्टॉकहोम से करीब 600 मील उत्तर में किरुना में लौह अयस्क का खनन करती है। कंपनी ने कहा कि यहां दस लाख टन से ज्यादा रेयर अर्थ ऑक्साइड हैं। अर्थ ऑक्साइड के खनन के लिए शीघ्र परमिट देने के बाद भी, वर्षों तक साइट पर खनन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकती है। यूरोपीय आयोग दुर्लभ पृथ्वी ऑक्साइड को अपने क्षेत्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण संसाधनों में से एक मानता है।
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