युद्ध से जूझ रहे यूक्रेन में बुआई का मौसम आ गया है,लेकिन खेत खलिहानों में फसल उगाने को लेकर कोई गतिविधियां होती नहीं दिखाई दे रहीं हैं। पावलोविच परिवार के खेत में सन्नाटा पसरा है क्योंकि एक हफ्ते पहले उनका 25 वर्षीय सैनिक बेटा रोमन मारियुपोल के पास मारा गया है।
रोमन के पिता भी मंगलवार को युद्ध में शामिल होने के लिए निकल पड़े हैं। रोमन की मां मारिया रुंधे गले से कहती हैं, ‘अग्रिम मोर्चा हमारे सर्वश्रेष्ठ लोगों से भरा है। लेकिन अब सब मर रहे हैं।’ यूक्रेन और रूस का वैश्विक गेहूं और जौ के निर्यात में एक तिहाई हिस्सा है। युद्ध के चलते इस वस्तुओं के लिए रूस और यूक्रेन पर निर्भर देशों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
युद्ध ने यूक्रेन के गेहूं पर निर्भर इंडोनेशिया, मिस्र, यमन और लेबनान सहित अन्य देशों में भोजन की कमी और राजनीतिक अस्थिरता के खतरे को बढ़ा दिया है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कितने किसान परिवार देश में मुश्किल हालात के बीच फसल उगाने में सक्षम होंगे, क्योंकि रास्ते बंदरगाह ,सड़कें आदि तबाह हो गए हैं। जिससे खेती के सामान आ पाने की संभावना बेहद कम है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने हाल ही में एक संबोधन में कहा था, 'हम रूसी गोलाबारी के बीच फसल कैसे बो सकते हैं? हम कैसे फसल बो सकते हैं जब दुश्मन जानबूझकर खेतों को, ईंधन के ठिकानों को नष्ट कर रहा है?' उन्होंने कहा था, ‘हम नहीं जानते कि हमारे पास कौन सी फसल होगी और क्या हम निर्यात कर पाएंगे।’
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