नई दिल्ली: तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका-मेक्सिको की सीमा पर शरण चाहने वालों पर सार्वजनिक स्वास्थ्य के आधार पर प्रतिबंध लगाया था, जो आप्रवासन को पूरी तरह से प्रतिबंधित करना चाहते थे, लेकिन अब इसे जल्द ही राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा समाप्त किया जाएगा, जो अप्रवासियों का स्वागत करने के लिए अपनी ही पार्टी के भीतर से बढ़ते दबाव का सामना कर रहे हैं।
राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए आगे का रास्ता सुगम नहीं है। आगामी 23 मई को प्रतिबंध खत्म होने के साथ ही, उन्हें सीमा पर प्रवासन में अपेक्षित वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है, जो प्रवासियों के बड़ी संख्या में आगमन को प्रबंधित करने में असमर्थ है और 17 लाख से अधिक शरण मामलों के बैकलॉग में फंसा है।
रिपब्लिकन पहले से ही अस्थायी सीमा सुविधाओं में फंसे हजारों लोगों के लिए बाइडन को दोषी ठहराना चाहते हैं ताकि इससे उनकी छवि पर खराब असर हो। ‘सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन’ ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि वह शरण पर अगले माह से प्रतिबंध हटा लेगा। अनेक डेमोक्रैट नेता और अप्रवासन के हिमायती इसे केवल सीमा पर शरण मांगने वालों को सुरक्षित स्थान देने से बचने को अमेरिका द्वारा अपने नैतिक और कानूनी दायित्वों से पीछा छुड़ाने से ज्यादा कुछ नहीं मानते।
माना जा रहा है कि प्रतिबंध हटने के बाद अप्रवासी नागरिकों का संभावित आगमन बाइडन के लिए राजनीतिक रूप से संकट पैदा कर सकता है, क्योंकि नवम्बर में मध्यावधि चुनाव होने हैं। राष्ट्रपति बाइडन को आप्रवासन के प्रबंधन के तौर-तरीकों पर पहले ही डेमोक्रेट और रिपब्लिकन सांसदों से आलोचना झेलनी पड़ रही है।
Latest World News