Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चलते छह माह से अधिक समय बीत चुके हैं। इसके बावजूद अभी दोनों देशों के बीच इस युद्ध का कोई अंत नहीं दिखाई दे रहा है। कई देशों के विशेषज्ञ इस युद्ध को वर्षों चलते रहने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं, मगर रूस के राष्ट्रपति इसे जल्दी से जल्दी खत्म करना चाहते हैं। यूक्रेन के मुकाबले रूस का रक्षा बजट भी 10 गुना अधिक है। मगर रूस की सेना यूक्रेन को अब तक परास्त नहीं कर पाई है। आइए जानते हैं क्या है इसके पीछे की वजह....
रूस के नियंत्रण से दक्षिणी प्रांत खेरसॉन को छुड़ाने के लिए यूक्रेन के बलों द्वारा किये जा रहे जवाबी हमले के साथ ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को वही सबक मिल रहा है जो उनसे पहले कई नेताओं को मिल चुका है: ‘युद्ध प्रायः अपेक्षा से अधिक लंबा और महंगा साबित होता है।’ रूस ने यूक्रेन पर 24 फरवरी 2022 को हमला शुरू किया था और पिछले छह महीनों में पुतिन तथा उनके सैन्य अधिकारियों को यूक्रेन की सेना की ओर से अप्रत्याशित जवाब मिल रहा है। दक्षिणी प्रांत खेरसॉन में यूक्रेन ने 28 अगस्त, 2022 को जवाबी हमला शुरू किया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के वरिष्ठ सलाहकार ओलेक्सी अरेस्तोविच ने इस अभियान को “धीमी गति से शत्रु को बर्बाद करने वाला” बताया।
रूस को उम्मीद थी कि यूक्रेनी सेना डाल देगी हथियार
ओलेक्सी ने कहा कि इस युद्ध का अंत नजदीक है ऐसा बिलकुल भी नहीं लगता। मैं अमेरिकी सेना के विशेष बलों के अधिकारी के तौर पर अफगानिस्तान, इराक, बोस्निया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में जंगी तथा परिचालन संबंधी मौकों पर तैनात रह चुका हूं। मैंने जॉर्जिया और यूक्रेन में 2008 और 2014 के युद्धों में फील्ड अनुसंधान किया था। मेरे विचार में रूस की शुरुआती रणनीति थी कि यूक्रेन की राजधानी कीव में तेजी से प्रवेश किया जाए और यूक्रेनी सेना को जल्दी हथियार डालने पर मजबूर कर दिया जाए। मगर यह संभव नहीं हो सका, क्योंकि सही तरीके से योजना नहीं बनाई गई थी और उसका क्रियान्वयन ठीक तरह से नहीं किया गया। इसके अलावा यूक्रेन की सेना की ओर से किया गया जवाबी हमला भी एक कारण था। दरअसल, बहुत से लोगों का मानना था कि हमले के शुरुआती महीनों में ही कीव का पतन हो जाएगा, लेकिन रूस की सेना को मार्च 2022 में ही अपनी पूरी ताकत कीव क्षेत्र में झोंकनी पड़ी।
यूक्रेन की सेना है पारंगत
कीव के पास यूक्रेन के जवाबी हमले ने उन्हें खारकीव के आसपास अच्छे-खासे क्षेत्र पर नियंत्रण पुनः स्थापित करने का मौका दिया। यह क्षेत्र यूक्रेन के उत्तर पूर्व में स्थित है और देश में तीसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला क्षेत्र है। युद्ध जैसे-जैसे आगे बढ़ता है, वह कई चरणों से गुजरता है और यूक्रेन में चल रहा युद्ध भी अपवाद नहीं है। रूस का हमला अपने शुरुआती चरण में सेना के आगे बढ़ने पर निर्भर था ताकि शत्रु से जहां और जैसे संभव हो सके, लड़ाई की जा सके और उसे पटखनी दी जा सके। धीरे-धीरे यह स्पष्ट हो गया कि युद्ध के इस तरीके में यूक्रेनी सेना अधिक पारंगत थी जबकि रूस की सेना का आकार तुलनात्मक रूप से कहीं ज्यादा है।
45.8 अरब डॉलर है रूस का रक्षा बजट
रूस का 2022 का सैन्य बजट 45.8 अरब डॉलर रहा। जबकि यूक्रेन का सैन्य बजट सिर्फ 4.7 अरब डॉलर है। इस हिसाब से यूक्रेन के मुकाबले रूस का रक्षा बजट करीब 10 गुना ज्यादा है। रूस की सेना में नौ लाख सैनिक हैं। साथ ही उसके पास 15,857 बख्तरबंद वाहन भी हैं। बावजूद वह यूक्रेन से युद्ध में गच्चा खा चुके हैं। इसकी मुख्य वजह है कि यूक्रेन के सामर्थ्य का रूस ने सही से आंकलन नहीं किया। दुश्मन को हल्के में लेना और खुद को बहुत बड़ा समझना ही रूस को भारी पड़ रहा है। पिछले छह वर्षों में पश्चिमी सहयोगी देशों की मदद से यूक्रेन ने अपनी सेना को अच्छा प्रशिक्षण दिया है जिसके चलते वह कीव समेत अन्य स्थानों पर अपना रक्षण बेहतर ढंग से कर रहे हैं।
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