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Hindi News विदेश यूरोप पुतिन के इस एक आदेश से हिला रूस, देश छोड़कर भाग रहे लाखों रूसी नागरिक, 98000 लोग पहुंचे कजाकिस्तान

पुतिन के इस एक आदेश से हिला रूस, देश छोड़कर भाग रहे लाखों रूसी नागरिक, 98000 लोग पहुंचे कजाकिस्तान

Russia Ukraine War: रूस ने पश्चिमी देशों को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि यूक्रेनी क्षेत्रों को अपने देश में शामिल करने के बाद वह अपनी सीमा की रक्षा करने के लिए परमाणु हथियारों का उपयोग भी कर सकता है।

Russia Ukraine War-Vladimir Putin- India TV Hindi Image Source : AP Russia Ukraine War-Vladimir Putin

Highlights

  • पुतिन ने सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया
  • लोगों ने लगाया जबरन सेना में भर्ती का आरोप
  • जान बचाने के लिए देश छोड़कर भाग रहे लोग

Russia Ukraine War: कजाकिस्तान के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उस घोषणा के बाद 98,000 रूसी नागरिकों ने कजाकिस्तान में प्रवेश किया है, जिसमें पुतिन ने 3 लाख ‘आरक्षित सैनिकों’ की आंशिक तैनाती की बात कही थी। सैन्य तैनाती से बचने के लिए रूसी नागरिकों का सड़क एवं हवाई मार्ग के जरिए पड़ोसी देशों में जाना जारी है। कजाकिस्तान और जॉर्जिया पूर्व सोवियत संघ के हिस्से थे और देश छोड़ रहे रूसी नागरिक कार, साइकिल या पैदल चलकर इन दोनों देशों में प्रवेश कर रहे हैं। कजाकिस्तान के गृह मंत्री मरात अख्मेत्जानोव ने कहा कि अधिकारी पुतिन के आह्वान के बाद देश छोड़कर आए उन लोगों को तब तक वापस रूस नहीं भेजेंगे, जब तक कि वे आपराधिक आरोपों के लिए अंतरराष्ट्रीय वांछित सूची में शामिल नहीं हों। 

पुतिन ने परमाणु हथियारों की धमकी दी

रूस ने पश्चिमी देशों को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि यूक्रेनी क्षेत्रों को अपने देश में शामिल करने के बाद वह अपनी सीमा की रक्षा करने के लिए परमाणु हथियारों का उपयोग भी कर सकता है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने मंगलवार को कहा कि मतदान के बाद ‘कानूनी नजरिए से और अंतरराष्ट्रीय कानून की नजर से हालात में बेहद जरूरी बदलाव होंगे और आगे जो कुछ भी होगा वह इन क्षेत्रों की रक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिहाज से होगा।’ यूक्रेन में युद्ध के दौरान हाल में रूसी सेना को मिल रही शिकस्त के बीच राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन पिछले सप्ताह से ही मॉस्को द्वारा परमाणु हथियार के उपयोग के विकल्प की बात कर रहे हैं।

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किन चार क्षेत्रों में हुआ है मतदान?

यूक्रेन के खेरसोन, जापोरिज्जिया, लुहांसक और दोनेत्स्क में शुक्रवार से शुरू हुआ मतदान और पुतिन द्वारा रूसी सेना के रिजर्व बलों को बुलाया जाना, उन रणनीतियों में शामिल है, जिनके माध्यम से मॉस्को खुद को मजबूत दिखाने का प्रयास कर रहा है। राष्ट्रपति पुतिन की अध्यक्षता वाली रूस की सुरक्षा परिषद के उपप्रमुख दमित्री मेदवेदेव ने बेहद स्पष्ट और कड़े शब्दों में मंगलवार को यह धमकी दी। संदेश भेजने वाले ऐप चैनल पर मेदवेदेव ने लिखा है, ‘कल्पना करें कि अगर रूस उस यूक्रेनी शासन के खिलाफ सबसे ताकतवर (विध्वंसकारी) हथियार का उपयोग करने पर बाध्य होता है, जो (यूक्रेन) बड़े पैमाने पर आक्रामक कार्रवाई कर रहा है और हमारे राष्ट्र के अस्तित्व के लिए खतरा बन गया है।’

उन्होंने लिखा है, ‘मुझे विश्वास है कि ऐसी परिस्थिति में नाटो सीधे तौर पर युद्ध में हिस्सा लेने से बचेगा।’ वहीं कीव और पश्चिमी देशों ने परमाणु हथियारों के उपयोग संबंधी रूस की चेतावनी को कोरी धमकी बताया है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान ने पुतिन द्वारा पिछले सप्ताह दी गई परमाणु हथियार के उपयोग की धमकी पर जवाब दिया। सुलिवान ने रविवार को एनबीसी से कहा कि अगर रूस ने यूक्रेन युद्ध में परमाणु हथियार के उपयोग की अपनी धमकी को सच्चाई में बदल दिया तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

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लोगों से क्या पूछा जा रहा है?

रूस के नियंत्रण वाले क्षेत्र में पांच दिन तक चले इस मतदान में लोगों से पूछा जा रहा है कि वे अपने क्षेत्र को रूस में शामिल करना चाहते हैं या नहीं। यह मतदान किसी भी सूरत में निष्पक्ष और स्वतंत्र नहीं माना जा रहा है क्योंकि युद्ध के कारण क्षेत्र के हजारों निवासी पलायन कर गए हैं और फिलहाल वहां रह रहे लोगों पर सशस्त्र रूसी सैनिक घर-घर जाकर मतदान करने का दबाव बना रहे हैं। वहीं यूक्रेन के शहर मारियुपोल के मेयर वादिम बोइशेंको ने कहा कि दोनेत्स्क में हुए जनमत संग्रह में वहां मौजूद करीब 1,00,000 निवासियों में से महज 20 फीसदी ने मतदान किया है। मेयर इस तटवर्ती शहर पर रूस का नियंत्रण होने के बाद वहां से दूसरी जगह चले गए हैं।

पुतिन के फैसले से रूस में बवाल

इस बीच, सक्रिय सैन्य ड्यूटी के लिए लोगों का आह्वान करना पुतिन को भारी पड़ रहा है। इसके कारण बड़ी संख्या में लोग देश से पलायन कर रहे हैं, रूस में विभिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शन हो रहे हैं और कहीं-कहीं हिंसा भी हुई है। सोमवार को साइबेरिया के एक शहर में एक बंदूकधारी ने सेना भर्ती कार्यालय में गोलियां चलाईं, जिसमें स्थानीय मुख्य सेना भर्ती अधिकारी घायल हो गए। इससे पहले भर्ती कार्यालयों में कई जगह आगजनी की घटना भी हुई थी। वहीं रूसी मीडिया भी अटकलें लगा रहा है कि युद्ध क्षेत्र में यूक्रेन को हाल में मिल रही बढ़त के कारण मुश्किल में फंसे पुतिन अपने पिछले सप्ताह के आदेश को लागू कर सकते हैं, जिसमें उन्होंने मार्शल कानून लागू करके जवानों की आंशिक तैनाती करने और सीमाओं को उन सभी लोगों के लिए बंद करने की बात कही थी, जिनकी आयु युद्ध में भाग लेने योग्य है।

बड़े पैमाने पर सेना में भर्ती से बचने के लिए देश छोड़कर जा रहे लोगों को रोकने के ताजा प्रयासों के तहत रूस के अधिकारियों ने जॉर्जिया से सटी सीमा पर सैन्य भर्ती कार्यालय खोलने की योजना बनाई है। देश छोड़ने के मुख्य मार्गों में जॉर्जिया की सीमा भी एक मार्ग है। एक ओर रूस, यूक्रेन में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाने का प्रयास कर रहा है वहीं दूसरी ओर उसकी गोलाबारी में लोगों की जान जा रही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने मंगलवार को बताया कि पिछले 24 घंटों में रूसी गोलाबारी में कम से कम 11 नागरिक मारे गए हैं, जबकि 18 अन्य घायल हुए हैं।

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