पुतिन ने लिया प्रतिबंधों का बदला, यूरोप के तमाम देशों को इस एक 'सीक्रेट' हथियार से किया चारों खाने चित, किस बात से डरे सब?
Putin Secret Weapon Against Europe: इन सर्दियों में ब्रिटेन के 8.5 मिलियन लोगों को 'एनर्जी पॉवर्टी' यानी ऊर्जा की भारी किल्लत का सामना करना पड़ेगा। कई जगहों पर ब्लैकआउट होना शुरू हो गया है। हर छह घंटे में दो घंटे तक के लिए बिजली जा रही है।
Highlights
- रूस ने यूरोप को गैस में कटौती की
- आने वाली सर्दियों को लेकर डरा यूरोप
- रूस ने गैस, बिजली से खूब की कमाई
Putin Secret Weapon Against Europe: यूरोप में एक देश है कोसोवो, जहां इन दिनों हर घंटे बिजली जा रही है। दिन और रात में छह घंटे तक बिजली न आने से 20 लाख की आबादी वाले इस देश को काफी दिक्कत हो रही है। राजधानी प्रिस्टिनिया के इंडेप से ऊर्जा विशेषज्ञ लायरन जोसाज का कहना है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि सर्दियों में क्या होगा, जब संकट चार गुना बढ़ जाएगा। यहां लोगों को ठंडे पानी में काम करना पड़ता है और दफ्तरों में भी बिजली का इस्तेमाल सोच समझकर करना पड़ता है। इन सभी दिक्कतों के पीछे रूस को जिम्मेदार माना जा रहा है। जिसने खुद पर लगे प्रतिबंधों का बदला लेने के लिए गैस की आपूर्ति में कटौती कर दी है।
रूस ने हाल में ही जर्मनी की तरफ जाने वाली गैस पाइपलाइन को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया था। शुक्रवार को रूस की सबसे बड़ी गैस कंपनी जैजप्रोम ने कहा कि नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन को शुरू किया जाना था लेकिन इसके इंजन की मरम्मत तक के लिए इसे बंद कर दिया गया है। पाइपलाइन के बंद किए जाने से यूरोप में ऊर्जा संकट गहराने का खतरा बढ़ गया है। यूरोप में कई विशेषज्ञों ने इस स्थिति के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया है। इनका कहना है कि ये सर्दियां यूरोप के लिए काफी खतरनाक हो सकती हैं। इन स्थितियों को नकारना असंभव है, जो खराब होती जा रही है।
610 फीसदी तक बढ़ी गैस की कीमत
अगस्त महीने में प्राकृतिक गैस के दाम 610 फीसदी तक बढ़ गए थे, यानी प्रति 1000 क्यूबिक मीटर पर 3100 डॉलर। यूक्रेन की राजधानी कीव में स्थित अमेरिकी दूतावास में काम करने वाली सुरिया जयंती ने कहा कि इन परिस्थितियों में हर घर को बिजली और अपने घरों को गर्म करने के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी। यूरोपीय सरकारों ने पहले ही गरीब उपभोक्ताओं की मदद के लिए 279 बिलियन डॉलर निर्धारित कर लिए हैं लेकिन ये रकम भी काफी कम है। उनका कहना है कि इन सर्दियों में ब्रिटेन के 8.5 मिलियन लोगों को 'एनर्जी पॉवर्टी' यानी ऊर्जा की भारी किल्लत का सामना करना पड़ेगा। कई जगहों पर ब्लैकआउट होना शुरू हो गया है। हर छह घंटे में दो घंटे तक के लिए बिजली जा रही है। यही स्थिति यूरोप के कई अन्य देशों में भी होने वाली है।
क्या है रूस का सबसे बड़ा हथियार?
रूस की सरकारी गैस कंपनी गैजप्रोम 2021 से ही यूरोपीय देशों को गैस की कटौती कर रही है। सुरिया का कहना है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उन हथियारों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, जिनकी उन्होंने अपने विरोधियों के खिलाफ कभी कल्पना भी नहीं की थी। यह एक नई तरह की रणनीति है, जिसमें पुतिन सफल भी हो रहे हैं। अब खतरा ये है कि गैजप्रोम कहीं रूस पर लगे प्रतिबंधों की सजा देने के लिए यूरोप तक पूरी तरह गैस स्पलाई बंद न कर दे। यूरोप का ऊर्जा बाजार पूरी तरह रूस पर निर्भर है। रूस ने बीते 10 साल से यूरोप को केवल बिजली और गैस बेचकर 120 बिलियन डॉलर का राजस्व उत्पन्न किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि रूस कोई भी कदम उठाने से पहले उस पर विचार करेगा। गैजप्रोम की तरफ से होने वाली कटौती की वजह से 2021 से ही जर्मनी के गैस रिजर्व खाली होने शुरू हो गए हैं। मार्च 2022 से गैजप्रोम ने किसी न किसी बहाने से गैस की सप्लाई को रोका है। गैजप्रोम ने उससे गैस खरीदने वाले छह देशों को कटौती की है, जिसमें फिनलैंड, डेनमार्क, जर्मनी, नीदरलैंड्स, पोलैंड और बुल्गारिया शामिल हैं।
चीन को हो रहा है फायदा
गैजप्रोम ने अब गैस की स्पलाई के लिए चीन की तरफ रुख कर लिया है। उसने सर्बिया की प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के जरिए चीन को गैस का निर्यात करना शुरू कर दिया है। 2021 से ही गैस का निर्यात 61 फीसदी तक बढ़ा है, और जुलाई तक निर्यात में 300 फीसदी तक की बढ़त देखी गई है। गैजप्रोम का कहना है कि इस पूरी स्थिति के लिए यूरोप जिम्मेदार है। यूरोप की सबसे बड़ी गैस और तेल कंपनी शेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बेन वान बर्डन ने चेतावनी दी है कि इस स्थिति के बाद रूस को कई सालों तक ऊर्जा राशन के रूप में मिलेगी। ये संकट केवल इन्हीं सर्दियों का नहीं है कि बल्कि यूरोपीय देशों को आने वाली कई सर्दियों तक इसका सामना करना पड़ेगा।